July 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

पिया गए परदेस ई केवाईसी कैसे हुई, ना लागी अंगूठा तो राशन कैसे मिली,

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) विकासखंड पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत पिया गए परदेस ई केवाईसी कैसे होई ना लागी अंगूठा तो राशन कैसे आई!
इस महंगाई में लोग देश बिदेश अपने घर परिवार के जीवन यापन करने चले गये है!
वहीं दूसरी तरफ सरकार नया फार्मूला जारी किया है! कि सभी कार्ड धारकों को बिना ई केवाईसी के राशन नहीं मिलेगा वहीं अल्ताफ रजा हसुवापारा की बेगम साहिबा जहीरा प्रातः काल अपने सौहर से फोन पर बताया कि कोटेदार कहत है कि अपने सौहर का बुलाई लेव ई केवाईसी कराई लेव नहीं तो राशन,ना मिली इतने में सौहर बोल पड़े अभी हाल ही में यहां आयन है! मजदूरी लाग है !साहब न, देत, छुट्टी घर कैसे आई!
वीरसिंह पूरवा दाखिला रुकनापुर विनोद परिवार के भरण पोषण करने के लिए मजदूरी मेहनत करने परदेस में थे की उसकी अर्धांगिनी निशा देवी फोन पर बताया की भैया के पापा कोटेदार ने ई केवाईसी न कराने पर नाम काटने की बात कह कर डरा दिया है इसलिए अब घर वाले उसे लौट आने का दबाव बना रहे इतने में बंजरिया निवासी विश्वनाथ बोल पड़े हमहू अपने लड़का का मुंबई से बुलवाई ली ई केवाईसी करवाई, ली
यही व्यथा अल्ताफ रजा व विनोद की नहीं बल्कि प्रदेश कमाने गए पयागपुर क्षेत्र के करीब 50,000 से अधिक लोगों का है जो गांव में बीवी और बच्चों को छोड़कर महानगरों में कमाई करने गए हैं !वह अब राशन कार्ड से नाम न कट जाए इसलिए अपने घर लौट रहे,
3 लाख 5,911 कार्ड धारकों में अभी तक 65% ई केवाईसी हो पाई है, प्रत्येक घर के एक या दो सदस्य प्रदेश में मजदूरी मेहनत करने चले गए हैं! फिर भी उनका लाभ परिवार के लोग पा रहे थे वहीं अब
पूर्ति विभाग से गरीब कल्याण अन्य योजना का लाभ ले रहे प्रत्येक लाभार्थी के सत्यापन के लिए चल रही ई केवाईसी अभियान में खराब नेटवर्क के साथ अधूरे आधार का बाधा लग गया है! लगातार दो माह से चल रहे अभियान में अब तक लाखों लोगों की ईकेवाईसी हो पाई है शेष 1 लाख से अधिक लोग बाकी है! अधिकारियों की लाख कोशिश के बावजूद यह अभियान परवान नहीं चढ,पा रहा है! कारण कहीं नेटवर्क नहीं रहता है तो कहीं लाभार्थियों के आधार में गड़बड़ी है जिससे उनका अंगूठा नहीं लग पा रहा है काशीजोत गांव में, पीडीएस विक्रेता इंद्रजीत यादव लाभार्थियों, का ई केवाईसी, करने के लिए सुबह से ही बैठ जाते एक के बाद एक कार्ड धारक का ई केवाईसी कर शासन के मसा को सरकार करने में लगे हुए हैं! काशी जोत के रहने वाले हरिश्चंद्र अपने दो बच्चे मोहित तथा मोहिनी को लेकर ई केवाईसी कराने के लिए, सुबह से पीडीएस विक्रेता के यहां पहुंच गए और बोले कि भैया ईकेवाईसी कराई ली नहीं तो गला ना मिली!
इस बारे में जब पूर्ति निरीक्षक, पयागपुर, ललित कुमार पाठक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के सत्यापन के लिए कोटेदारों की जरिए ई केवाईसी कराई जा रही है जिसमें सभी पात्र को सरकार की तरफ से मिलने वाला खाद्यान्न मिलता रहे!