नागरिकों ने प्रशासन से की सख्त कार्रवाई की मांग की
उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। उतरौला शहर में नाबालिग बच्चों द्वारा ई-रिक्शा चलाने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय नागरिकों और यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराने लगा है। नाबालिग चालकों के पास न तो सड़क का अनुभव है और न ही यातायात नियमों की जानकारी, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। अधिकतर बच्चे ई-रिक्शा चलाते समय अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, जिससे सड़कों पर अन्य वाहनों और पैदल यात्रियों के प्रति उनका ध्यान नहीं रहता। इसके चलते कई बार टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।शहर के प्रमुख चौराहों, जैसे गूमा तिराहा, मुबारक मोड़ तिराहा और थाना के पास टैक्सी स्टैंड पर, नाबालिग रिक्शा चालकों की बढ़ती उपस्थिति से राहगीरों में भय का माहौल है। इसके साथ ही, फुटपाथों पर अतिक्रमण और सड़कों पर अवैध पार्किंग की समस्या से यातायात अव्यवस्थित हो गया है। मुख्य सड़कें तंग गलियों जैसी नजर आने लगी हैं, जहां वाहनों को ओवरटेक करना कठिन हो गया है, और नाबालिग चालकों के चलते यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो रही है।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा संचालन पर रोक लगाई जाए और सड़क पर यातायात को सुचारू बनाने के लिए अवैध अतिक्रमण हटाया जाए। नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन शीघ्र कदम नहीं उठाता, तो दुर्घटनाओं में वृद्धि हो सकती है और इससे जान-माल को भी खतरा होगा। इसके अलावा, अभिभावकों से भी अपील की जा रही है कि वे अपने नाबालिग बच्चों को ऐसे भारी वाहनों को चलाने से रोकें और उनकी सुरक्षा पर ध्यान दें।
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