आठ नवंबर दो हज़ार सोलह
की रात अचानक आठ बजे,
राष्ट्र सम्बोधन में आदरणीय
प्रधानमंत्री जी जनता से बोले।
उस रात बारह बजे से पाँच सौ
और एक हज़ार के सारे नोट,
सभी के रद्दी काग़ज़ हो जाएँगे,
सभी वैध नोट अवैध हो जाएँगे।
छिपा हुआ काला धन अब सभी
जमाखोरों का बाहर आ जायेगा,
नक़ली नोटों का अवैध व्यापार
विदेशों का समाप्त हो जाएगा।
आतंकवाद देश के बाहर से होता है,
अब उसकी भी कमर टूट जाएगी,
छिपा हुआ सारा धन बाहर आने से
भारत की जीडीपी भी बढ़ जाएगी।
लम्बी लाइनों में लग कर भारतीय
जनता ने नोट बदलने शुरू किये,
नियत अवधि में लोगों ने खरबों के
नोट पुराने बैंकों में जाकर जमा किये।
आदित्य बच्चे, बूढ़े, युवा सभी ने
घर में रखे सारे नोट बदलवा डाले,
छिपाकर रखे गृहलक्ष्मियों के सारे
पैसे घर वालों ने अपने खाते में डाले।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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