अभिषेक कुमार rkpnews लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा) ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में अनियमित तरीके से विद्युत व यांत्रिक अभियंताओं को सिविल में पदोन्नति की तैयारी शासन में बैठे उच्च अधिकारियों ने कर ली है। संगठन ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए मनमाना करार दिया है। संगठन के प्रदेश स्तरीय नेताओं का कहना है कि विभाग में सिविल यांत्रिक व विद्युत संवर्ग के अलग-अलग अभियंता तैनात हैं। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग सिविल कार्यों को कराता है। वर्तमान में विभाग द्वारा नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए एफडीआर का कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य में सिविल अभियंत्रण का ही पूरा उपयोग होना है लेकिन शासन ने मनमानी करते हुए विद्युत व यांत्रिक अभियंताओं को सिविल वर्क में जो कि पूर्णतया नियम विरुद्ध है में करने की पूरी तैयारी कर ली है। यही नहीं इसमें बिना किसी ज्येष्ठता सूची के ही सीधे पात्रता तय कर एक-दो दिनों में अधिशासी अभियंता सिविल के पद पर प्रोन्नत की तैयारी कर ली है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इसमें उच्चाधिकारी इस कदर मनमाने पद पर आमादा हैं कि सिविल में कार्यरत अभियंताओं को बिना कोई अवसर दिए तैनाती में मनमाने पन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जबकि सरकार प्रदेश में पारदर्शी व्यवस्था को लागू करने का ढिंढोरा पीट रही है। इसे लेकर सिविल अभियंताओं में भारी आक्रोश है। सिविल अभियंताओं ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक कमेटी बैठाने की मांग की है। जिससे कि मामले की सत्यता उजागर हो सके।
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