नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)
रामजस कॉलेज के दाखिला घोटाला और कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी दिलबाग सिंह के भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज, पहली अक्टूबर को अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारी रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल को सौंपेंगे। यह जानकारी हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने मंगलवार को जारी बयान में दी।
जारी बयान के अनुसार पहली अक्टूबर को हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में, पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल से मिलकर दस्तावेज सौंपते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी दिलबाग सिंह को बर्खास्त करने की मांग की जाएगी। प्रिंसिपल से मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के साथ राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री केशव चंद्र मल्होत्रा, राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र सिंह राजू पार्चा और प्रदेश कार्यालय मंत्री राजकुमार भल्ला को शामिल किया गया है।
जारी बयान के अनुसार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में बीती 9 सितंबर को रामजस कॉलेज पर प्रदर्शन करते हुए प्रिंसिपल को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा था। प्रिंसिपल ने हिन्दू महासभा से दिलबाग सिंह से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया था। बीती 11 सितंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी और राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता रामजस कॉलेज पहुंचे, किंतू आरोपी दिलबाग सिंह ने व्यक्तिगत रूप से व्यवधान उत्पन्न कर उन्हें प्रिंसिपल से मिलने नहीं दिया।
हिन्दू महासभा ने आरोपी दिलबाग सिंह पर हिन्दू महासभा प्रतिनिधिमंडल के विरुद्ध षड्यंत्र करने और प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों पर जानलेवा हमले की आशंका व्यक्त करते हुए पुलिस उपायुक्त जिला उत्तरी दिल्ली और थाना मौरिस नगर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में पहली अक्टूबर को अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रतिनिधि मण्डल को पुलिस अभिरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि हिन्दू महासभा आरोपी दिलबाग सिंह को सस्पेंड करवाने करवाने के लिए अपना आंदोलन तेज करेगी। पहली अक्टूबर को रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल को दस्तावेज़ सौंपने के बाद हिन्दू महासभा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का घेराव करने की रणनीति तैयार करने में जुट जायेगी।
More Stories
युवा भारतीय महिलाओं की उभरती आकांक्षाएँ
अयोध्या विवाद- किन्हें क्यों और कैसे याद आएंगे चंद्रचूड़-कृष्ण प्रताप सिंह
प्रस्तावित परिसीमन से भारत के संघीय ढांचे को खतरा-प्रियंका सौरभ