एक तो वैसे ही बेरोजगारी थी,
कोरोना वाइरस ने और बढ़ा दी है,
सरकारें बड़े भाव खा रही हैं,
बड़े उद्योगपति मालामाल हो रहे हैं,
युवक युवतियाँ बेकार घूम रहे है ;
माँ – बाप उम्मीद में जी रहे हैं ;
पर दोनो धोखा खा रहे हैं..,
जिनके पास काम धंधे थे,
वो भी मंदी में ठोकरें खा रहे हैं ।
पुलिस रिश्वत में व्यस्त है़..,
नेता, अधिकारी लूट में व्यस्त हैं..,
किसान आंदोलन कर रहे हैं..,
सैन्यबलों के जवान गोली खा रहे हैं,
माफिया आतंक फैला रहे हैं,
दलाल मुनाफ़ा कमा रहे हैं,
महंगाई सुरसा सा मुँह बाये खड़ी है,
और मौसम की मार पीछे पड़ी है,
कहीं सूखा कहीं बाढ़ का पानी भरा है,
कौन कहता, कोई भूखा मर रहा है?
फ़र्स्ट डिवीजन डाक्टर, इंजीनियर हैं,
जो सेकंड डिवीजन थे वे अफ़सर हैं,
जो थर्ड डिवीजन थे वे नेता मंत्री हैं,
जो फेल हो गए वे माफिया डान हैं,
फ़र्स्ट डिवीजन वाले को सेकंड डिवीजन वाले,
फ़र्स्ट, सेकंड डिवीजन वालों को थर्ड डिवीजन वाले,
और इन तीनों को फेल होने वाले कंट्रोल कर रहे हैं।
एमपी, एमएलए, मंत्री, मुख्यमंत्री,
व प्रधानमंत्री के लिए,
शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नहीं है,
आठ पास सरपंच व प्रधान, दसवीं व
इंटर पास/फेल देश के मंत्री,
सबका साथ, सबका विकास, सबका
विश्वास, सबका प्रयास करवा रहे हैं,
ग्रेजुएट, पीजी, एमफ़िल, पीएचडी,
वॉट्सएप में ग्रुप-ग्रुप खेल रहे हैं।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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