November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

सिकन्दरपुर पुलिस द्वारा लगभग 3000 लीटर लहन किया गया नष्ट

लगभग 200 लीटर अर्ध निर्मित नाजायज देशी शराब को किया गया बरामद

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
पुलिस अधीक्षक बलिया विक्रान्त वीर के निर्देशन में अवैध शराब / मादक पदार्थो के विरुद्ध चलाये जा रहे सघन अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा के पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी सिकन्दरपुर आशीष मिश्र व प्रभारी निरीक्षक सिकन्दरपुर के कुशल नेतृत्व मे थाना सिकन्दरपुर पुलिस टीम को मिली सफलता।
रविवार को प्रभारी निरीक्षक विकासचन्द पाण्डेय मय हमराह पुलिस फोर्स के साथ देखभाल विवेचना गिरफ्तार वांरटी व रोकथाम की मुखबीर खास द्वारा सूचना मिली कि ग्राम कठौडा के दियरा मे नदी के बीच टापू पर सरपतो मे छिपकर कुछ लोग कच्ची शराब बना रहे हैं । तथा कच्ची शराब को बेचने के लिए नाव से बाहर ले जाने वाले है, इस सूचना पर मय पुलिस फोर्स टीम द्वारा कठौड़ा दियरा में नदी के किनारे टापू पर ग्राम कठौड़ा छापा मारी करते हुये 02 अभियुक्तगण जलेश्वर राजभर और बिचारी बिन्द को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिनके कब्जे से 5 प्लास्टिक की जरीकेन मे 200 लीटर अबैध अपमिश्रित कच्ची देशी शराब व शराब बनाने का उपकरण/ सामान 5 कि0ग्रा0 यूरिया, 500 ग्राम फिटकरी , 500 ग्राम नौसादर के साथ समय करीब 16.40 बजे गिरफ्तार किया गया । शेष अभियुक्तगण धनेश बिन्द पुत्र मोतीलाल निवासी ग्राम लिलकर, मजीत बिन्द पुत्र दीनानाथ, अनूप पुत्र लल्लन बिन्द, नथुनी यादव पुत्र भरत यादव निवासी ग्राम जमुई, भीष्म कश्यप पुत्र स्व0 राधा किशुन निवासी ग्राम लीलकर सरपतों में छुपकर भागने में सफल रहे । तथा मौके पर पुलिस टीम द्वारा 3000 लीटर लहन व अन्य शराब बनाने वाली सामग्री को नष्ट किया गया । गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना स्थानीय पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्तगण को मा0 न्यायालय भेजा जा रहा है ।
गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में बताय गया कि हम सभी लोग मिलकर अवैध कच्ची शराब टापू पर छिपकर बनाते है । तथा शराब मे नौशादर, यूरिया एवं फिटकरी मिलाते है जिससे कच्ची शराब मे नशा तीव्र हो जाये । बिहार राज्य में शराब बन्दी होने के कारण कच्ची शराब की बिक्री ज्यादा होती है । हम लोग चोरी छिपे शराब को बिहार राज्य मे व आस पास के कस्बो मे शराब ले जाकर बेच देते है जिसे बेचकर अच्छा पैसा मिल जाता है जिसको हम लोग आपस मे बराबर बराबर बांट लेते है । उसी पैसे से हम लोग अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते है ।