December 23, 2024

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विशेष अभियान चलाकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर हो कार्रवाईः जिलाधिकारी

जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दिये निर्देश

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)

जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें जिलाधिकारी ने पूरी सख्ती से निर्देश दिया कि यातयात नियमों का पूरी तरह पालन कराया जाए, ताकि सड़क दुर्घटना व मृत्यु दर को कम किया जा सके। क्षेत्राधिकारी यातायात को निर्देश दिया कि विशेष अभियान चलाकर बिना हेलमेट के बाईक चलाने, सड़क पर वाहन खड़ा करने तथा शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि रोड पर गड्ढ़े भरकर, अंधा मोड़ पर साईनबोर्ड, आवश्यकतानुसार स्पीडब्रेकर आदि के जरिये दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। जहां अधिक दुर्घटना होती है, ऐसी जगहों को चिन्हित कर दुर्घटना के कारणों को पहचाना जाए और वहां प्रभावी कार्यवाही हो। जो भी ब्लैकस्पॉट हैं, उसे सही किया जाए। उन्होंने कहा कि मोटरसाईकिल पर प्रायः लोग बिना हेलमेट के दिख जाते हैं, ऐसे लोगों पर चालान आदि की कार्रवाई तेज हो। ड्रिंक एण्ड ड्राइव पर भी सख्त कार्रवाई हो। यह भी सुझाव दिया कि बाइक या कार का चालान करके छोड़ने से पहले वाहन चालक को कुछ देर के लिए रोककर जागरूकता सम्बन्धी शार्ट फिल्म भी दिखाया जाए, ताकि वह आगे से उल्लंघन नहीं करने के प्रति प्रेरित हो। सड़क पर वाहन खड़ा हो जाने से जाम की समस्या आम बात है, इस पर भी अभियान चलाकर कार्रवाई हो। लोनिवि के अधिशासी अभियंता को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सड़क पर गड्ढ़ों की वजह से कोई दुर्घटना होती है, उसमें आपकी जवाबदेही तय होगी। इसलिए देख लें कि कहीं ऐसे गड्ढ़े नहीं हो, जिसके कारण दुर्घटना हो सकती है।

15 अगस्त के बाद नहीं चलेंगे बिना फिटनेस के विद्यालययान

जिलाधिकारी ने जिला विद्यालययान परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक में आए विद्यालय के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि अपने विद्यालय में चलने वाले वाहनों का फिटनेस टेस्ट व परमिट 15 अगस्त तक सही करा लें। इसके बाद बिना फिटनेस के कोई भी विद्यालय वाहन सड़क पर नहीं दिखना चाहिए। एआरटीओ अरूण राय को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी। यह भी निर्देश दिया कि विद्यालययान में जितनी सीट है, उतने छात्र ही उसमें बैठाएं। सभी चालकों की आंखों की जांच व उनके चरित्र का सत्यापन करा लिया जाए। हर विद्यालय में बनी परिवहन समिति की बैठक करा ली जाए और इसकी सूचना डीआईओएस के माध्यम से एआरटीओ कार्यालय भिजवा दें।