November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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राजद अध्यक्ष का दीमागी खोखलापन है जन सुराज को भाजपा की बी टीम बताना-संजय ठाकुर

पटना/बिहार ( राष्ट्र की परम्परा)
जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह के उस बयान की कड़ी भर्त्सना की है, जिसमें उन्होंने जन सुराज को भाजपा की बी टीम बताया है। यह उनकी बौखलाहट, दिमागी खोखलापन और विकृत मानसिकता का द्योतक है। रविवार को यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता ठाकुर ने कहा है कि राजद नेतृत्व द्वारा मुस्लिम भाइयों और यादव भाइयों की लगातार हो रही उपेक्षा से उनका मोहभंग होता जा रहा है, जिससे प्रदेश अध्यक्ष सिंह बौखलाए हुए हैं और अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। श्री ठाकुर ने कहा है कि दुनिया जानती है कि जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर महात्मा गांधी की विचारधारा को आत्मसात कर जन- जन तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं तथा धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को तेजी से लामबंद कर रहे हैं। इस वजह से अपना उचित विकल्प समझ बड़ी तेजी से मुस्लिम समाज जन सुराज से जुड़ते जा रहे हैं।‌ सभी यह भी जानते हैं कि भाजपा नाथूराम गोडसे की विचारधारा को फैलाकर देश के नागरिकों को बरगलाने में लगी हुई है।‌ ऐसे में जन सुराज को भाजपा की बी टीम बताना राजद के घटते जनाधार से उत्पन्न तिलमिलाहट है। ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर की बढ़ती ताकत, उनका चुनावी रणनीतिक दक्षता और उन्हें बिहार के सभी वर्गों का मिल रहा जन समर्थन से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव के होश उड़ने लगे हैं। बिहार की जनता उनके पन्द्रह वर्षों के आतंक राज़ से परिचित हैं और काठ की हांडी दुबारा नहीं चढ़ने वाली है।‌ मुसलमान समाज अब यह समझ गये है कि उन्हें परिवार वादी राजद में न तो उचित सम्मान मिला,न कभी सरकार में भागीदारी मिली और ना ही उनके समाज के लोगों को शिक्षित बनाया गया। राजद सुप्रीमो ने केवल अपने परिवार के लोगों को मजबूत किया और मुसलमान भाइयों को उसके अनुपात में टिकट भी नहीं दिया। यही कारण है कि आज़ बिहार विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या पहले की तुलना में काफी कम हो गयी है।‌
राजद के परिवारवादी रवैए और अपनी लगातार उपेक्षा से परेशान बड़ी संख्या में यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रशांत किशोर के साथ जु़ड़ने से राजद की जमीन खिसक गई है और इसी वजह से राजद प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।‌ यादवों की नाराज़गी नौवीं फेल तेजस्वी यादव को राजद का जबरन नेतृत्व सौंपने से भी है। यादव समाज का मानना है कि उनके बीच एक से बढ़कर एक पढ़े लिखे योग्य यादव है जिन्हें राजद में कोई पूछने वाला नहीं है।‌ उधर मुस्लिम समाज संसदीय चुनाव में अपनी हुई घोर उपेक्षा से हैरान हैं।‌तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले राजद में मुस्लिमों के वरिष्ठ नेताओं का कोई सम्मान नहीं है और इस समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
गौरतलब है कि जनता के बीच अपना जनाधार खो चुकी राजद अब अपने नेताओं – कार्यकर्ताओं के लगातार दल छोड़कर जन सुराज में जुड़ने से राजद की पेशानियों पर बल आने लगे हैं।
ज्ञात हो कि राजद प्रदेश अध्यक्ष एक पत्र जारी कर प्रशांत किशोर और जन सुराज को भाजपा की बी टीम बताया है ताकि राजद के कार्यकर्ता समाज में भ्रम और अफवाह फैला सके।‌ ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है तथा बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के विचारों और उनके द्वारा बनाए गए संविधान का संपोषक है। जन सुराज जन नायक कर्पूरी ठाकुर, डाक्टर राम मनोहर लोहिया, महात्मा ज्योतिराव फुले और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के समाजवाद का पुरोधा है।‌
जन सुराज पर ऐसा घटिया आरोप लगाना राजद की क्षुद्र मानसिकता का परिचायक है। जन सुराज ने स्पष्ट किया है कि राजद गठबंधन और भाजपा गठबंधन दोनों ने बिहार को रसातल में पहुंचा दिया है। इसलिए जन सुराज इन दोनों गठबंधनों के खिलाफ अपना विरोध और संघर्ष जारी रखेगा।