November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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डबल इंजन की सरकार में भी सुस्त पड़ गई है विकास की रफ्तार

एक चिकित्सक के भरोसे चल रही सीएचसी
मौर्य एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने से काम नहीं हो रही लोगों की मुश्किलें
-मीटर रीडर के नहीं आने से लोगों को गलत मिल रहा है बिजली बिल


भाटपाररानी/देवरिया, (राष्ट्र की परम्परा) बिहार सीमा से सटे जनपद के अंतिम छोर पर स्थित विकासखंड बनकटा ब्लॉक में विकास की बात करना बेमानी है। डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी यहां विकास की रफ्तार सुस्त है और जनता विकास की राह खोज रही है। वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है।
सलेमपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड बनकटा में समस्याओं का अंबार है। आलम यह है कि स्वास्थ्य सुविधाओं का यह हाल है कि सीएचसी बनकटा में 32 बेड अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है। यहां कुल 6 डाक्टर की तैनाती है। जबकि इमरजेंसी सहित ओपीडी के सापेक्ष महज एक ही डाक्टर हैं। डा. पीके रंजन की यहां तैनाती है लेकिन महज दो दिन ही उनकी ड्यूटी ओपीडी की है। रोज के लिए है। बाकी दिनों में मरीजों का इलाज यहां राम भरोसे है। बिहार सीमा से सटे होने के चलते यहां का रेलवे स्टेशन क्षेत्रीय लोगों के आवागमन की सुविधा का एक प्रमुख केंद्र है। लेकिन यहां कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव नहीं होने से जनता को भाटपाररानी, भटनी जाकर ट्रेनों को पकड़ना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों से क्षेत्रीय जनता द्वारा बार-बार मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव की मांग की जा रही है लेकिन इसे लेकर जनप्रतिनिधि उदासीन है। यही हाल पशु चिकित्सालय का है। तीन वर्षों से यहां पशु चिकित्सा अधिकारी की तैनाती नहीं होने से पशुओं का इलाज भी राम भरोसे है। रेलवे नियमों के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर में किसी दो पहिया वाहनों को ले जाना सख्त मना है लेकिन इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। सर्वाधिक खराब स्थिति विद्युत उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के जरिए सही बिल नहीं मिलने की है आए दिन उपभोक्ता विद्युत बिलों में गड़बड़ी को लेकर परेशान है या तो विद्युत बिल निकलता ही नहीं है यदि निकलता है तो उसमें तमाम खामियां रहती हैं अधिकारियों का चक्कर लगाने के बाद भी इसे दुरुस्त नहीं किया जाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है वहीं जनप्रतिनिधि विकास की दुहाई दे रहे हैं। जबकि जनता समस्याओं को लेकर परेशान है।