
डीवीएनडीसी में राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्तदिवसीय शिविर का उद्घाटन
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)। जनपद मुख्यालय स्थित दिग्विजय नाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाईयों महाराणा प्रताप, सुभाष, गोरखनाथ एवं मीराबाई इकाई के विशेष सप्तदिवसीय शिविर का उद्घाटन मीराबाई छात्रावास स्थित महन्त दिग्विजयनाथ सभागार में संपन्न हुआ।
उद्घाटन के मुख्य अतिथि प्रो. अवनीश राय, आचार्य, अंग्रेजी विभाग, दी.द.उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने अपने उद्बोधन में विशेष सप्तदिवसीय शिविर के पूर्व निर्धारित उद्देश्य मतदाता जागरूकता अभियान, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, महिला सशक्तीकरण आदि विषयों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्यों व उद्देश्यों पर अपने विचार व्यक्त किए।
मतदाता जागरूकता अभियान के विषय में प्रो. राय ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक- स्वयं सेविकाओं को जागरूक करते हुए कहा कि लोकतंत्र के सशक्तिकरण के लिए मतदान अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, पर्यावरण, जीव सुरक्षा ये तीनों महात्मा गाँधी के प्रिय विषय थे। स्वच्छता को प्रभावी व स्थायी बनाने के लिए जरूरी है कि वह सभी नागरिकों के आदत, स्वभाव और व्यवहार का हिस्सा बनें। जीने का तरीका स्वच्छता पर आधारित हो, सोचने का तरीका स्वच्छता पर केन्द्रित हो, बहुत से लोग व्यक्तिगत सफाई एवं परिसर की सफाई पर स्वयं बहुत ध्यान देते हैl लेकिन सार्वजनिक एवं सामुदायिक सफाई के प्रति उदासीन रहते हैं। इस मानसिकता में बदलाव लाने के लिए आप सभी स्वयं सेवक-स्वयं सेविकाओं को सप्त दिवसीय शिविर के सातो दिन मिलकर सार्थक कार्य करना होगा तभी इस शिविर का उद्देश्य पूर्ण होगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना भारत सरकार के युवा और खेल मंत्रालय की एक केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे औपचारिक रूप से 24 सितम्बर 1969 को प्रारम्भ किया गया था। वर्ष 1969 भारत देश के लिए महत्वपूर्ण वर्ष रहा। इस वर्ष बैंकों का राष्ट्रीयकरण एवं महात्मा गाँधी के जयंती के 100 वर्ष पूर्ण हुए। उन्हीं के आदर्शों को स्वयं सेवक-स्वयं सेविकाओं के जीवन में उतारने का एक वृहद योजना राष्ट्रीय सेवा योजना के रूप में प्रारंभ हुआ।
स्वामी विवेकानन्द के कथन ‘बी एण्ड मेक’ को उदृत करते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक-स्वयं सेविकाओं को इस सूत्र वाक्य को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है। राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श वाक्य है ‘मैं नही हम’ आप सभी स्वयं सेवक-स्वयं सेविकाओं को इस प्रकार के सप्तदिवसीय शिविर में साथ-साथ रहने, साथ-साथ कार्यक्रम करने, साथ-साथ भोजन करने, अपने आचार एवं विचारों को आपस में साझा करने का ज्ञान प्रदान करती है, जिससे आपके अन्दर में की भावना समाप्त होती है एवं हम की भावना जागृति करने में अहम भूमिका प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि शिविर में सात दिनों में जो सीखेंगे वह भविष्य में समाज सेवा कार्य तथा आपके जीवन शैली में अनेक प्रकार का परिवर्तन लायेगा। आपका दायित्व है कि सप्त दिवसीय शिविर के सातो दिनों में चुने हुए मलिन बस्ती में जायेंगे और लोगों को वर्तमान समय की तमाम बीमारियों एवं समस्याओं के प्रति जागरूक करने का कार्य करेंगे।
इसके पूर्व आगत अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती एवं महापुरूषों के चित्र पर पुष्पार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। सरस्वती वन्दना एवं स्वागत गीत स्वयं सेविका प्रीति एवं सौम्या द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि को महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा स्मृति चिन्ह एवं उत्तरीय प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुत करते हुए सप्त दिवसीय शिविर के सातों दिनों तक चलने वाले क्रिया कलापों एवं कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा रखी गयी। आगत अतिथियो का स्वागत कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पीयूष कुमार सिंह ने तथा आभार ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि राय द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य नियन्ता प्रो. धीरेन्द्र सिंह, डॉ. विवेक शाही, डॉ. शुभ्रांशु शेखर सिंह, डॉ. कुलदीप पाण्डेय, डॉ. शुभम मिश्रा, अश्वनी श्रीवास्तव, अंकित पाण्डेय सहित स्वयं सेवक-स्वयं सेविकाएं उपस्थित रहीं।
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