June 21, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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अब्दुल्ला रेंज द्वारा मनाया गया आर्द्र भूमि दिवस

आर्द्र भूमि दिवस के महत्व पर वन क्षेत्राधिकारी ने विद्यार्थियों को किया गया प्रेरित

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । विश्व आर्द्र भूमि दिवस की शुरुआत 2 फरवरी 1971 में रामसर, ईरान में वेटलैंड कन्वेंशन की शुरुआत से हुई थी,वेटलैंड्स जन्तुओं के अलावा पौधों के लिए भी तंत्र के रूप में काम करता है,प्राकृतिक स्रोतों की खराब स्थितियों को देखते हुए यह दिन आर्द्र भूमि को बचाने और उसकी महत्वत्ता को लोगों तक पहुंचाने के लिए मनाया जाता है।इस क्रम में अब्दुल्ला गंज वन विभाग द्वारा आर्द्र भूमि आयोजित किया गया, जिसमें में बच्चों के साथ साझा की गई जानकारी अब्दुल्ला गंज रेंज के अन्तर्गत जोकहा तालाब में स्कूली बच्चों ,एसएसबी और ग्रामीणों के साथ बर्ड वाचिंग कार्यक्रम किया गया। आयोजन में वन क्षेत्राधिकारी ने बताया की प्रति वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस मनाया जाता है और इसे एक वैश्विक मंच के रूप में काम करने और पर्यावरण में आर्द्र भूमि के महत्व और भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है, वर्ष का विश्व आर्द्र भूमि दिवस की थीम आर्द्र भूमि और मानव कल्याण है। इसका लक्ष्य यह बताना है कि मानव कल्याण के सभी पहलू जैसे शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय आर्द्र भूमि के स्वास्थ्य से कैसे जुड़े हुए हैं।कार्यक्रम के अन्तर्गत वन क्षेत्र अधिकारी पकंज साहू के नेतृत्व में बच्चो को पंछी पहचानना, पंछियों का पर्यावरणीय महत्व, आद्र भूमि संरक्षण आदि के बारे में जानकारी दी गई।उपरोक्त तालाब के आस पास सारस, सफेद बगुला, किंगफिशर, मॉरहेन, नॉर्थन पिनटेल, आदि पंछी दिखाई दिये जिसको देख कर बच्चों ने काफी आनंद उठाया इस दौरान वन कार्यक्रम में वन विभाग के वन दरोगा शंभू यादव, सुरेश पासवान वन दरोगा , मनोज सिंह वन रक्षक ,मनोज तिवारी वन रक्षक सुरेश वर्मा वन रक्षक, ब्रजेश सिंह वन रक्षक,देव वर्मा सहित मौजूद रहे।