June 19, 2025

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फाइलेरिया रोगियों को दी जा रही है एमएमडीपी किट

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत जिले के फाइलेरिया (हाथीपांव) रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही फाइलेरिया रोगी नेटवर्क, आशा कार्यकर्ता और सीएचओ के सहयोग से मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की सफाई रखने के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। अब तक जिले के 860 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया जा चुका है।

      सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि जनपद में करीब 1900  फाइलेरिया ग्रसित हाथीपांव रोगी चिन्हित किए गए हैं। यह ऐसे लोग हैं जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रसित अंगों से द्रव का रिसाव होता है। इस स्थिति में प्रभावित अंगों की सफाई रखना बेहद जरूरी होती है। ऐसे मरीजों को किट दी जा रही है। किट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ-सफाई के लिए टब, मग, तौलिया, साबुन, गरम पट्टी व  एंटी फंगल क्रीम दी जा रही हैं। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से त्वचा पर संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। 
 उन्होंने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दूषित पानी में पनपते हैं। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो  फाइलेरिया के परजीवी खून के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से  संक्रमित कर देते हैं।

5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण

     डीएमओ सुधाकर मणि ने बताया कि  फाइलेरिया संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ  जाता है। महिलाओं  के स्तन के आकार में असामान्य परिवर्तन हो सकता है।

व्यायाम से मिलता है आराम

    बैतालपुर  ब्लॉक के सिरजमदेइ निवासी फाइलेरिया मरीज पौहारी सिंह (62)  ने बताया कि प्रशिक्षण में हाथीपांव  के सूजन को कम करने के लिए व्यायाम औऱ  प्रभावित अंग के साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी गई है।   सफाई के लिए एमएमडीपी किट भी मिली है। किट में बाल्टी, बाथ टब, मग, साबुन, तौलिया और क्रीम  है। उन्होंने बताया “मैं सबसे पहले अपने हाथी पांव वाले दाएं पैर को पानी से गीला करता हूँ। उसके बाद साबुन का झाग अपने हाथों में बनाकर प्रभावित दाहिने पैर की अंगुलियों सहित सभी हिस्से में धीरे-धीरे अच्छे से  लगाता हू।  मग से धीरे धीरे-पानी डालकर साबुन के झाग को साफ कर बाद सूती कपड़े से अंगुलियों सहित पैर को हलके हाथों से  सूखाता हूं।’’ व्यायाम के बारे में उन्होंने बताया, “दीवार का सहारा लेकर दिन में दो से तीन बार खड़े होकर पंजे के पिछले भाग को ऊपर-नीचे करता हूँ ।’’