
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)l सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ में व्रतियों का उत्साह चरम पर है। रविवार की शाम गाजा-बाजा व डीजे की धुन के साथ छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने छठ घाटों पर पहुंच कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। दोपहर बाद 03:00 बजे से ही घाटों पर भक्तों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया था।
हर ओर रही छठी मैया के गीतों की गूंज
सिर पर फल-फूल आदि से लदे टोकरी या सूप लेकर भक्त घाटों पर पहुंचे। इस दौरान छठ गीतों से वातावरण गूंजता रहा। जहां पर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। तत्पश्चात पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए प्रार्थना की गई। वहीं सोमवार की अल सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाएगा।
लोकआस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। शनिवार को खरना मनाया गया जबकि रविवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया। सोमवार सुबह को दूसरा अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व समाप्त हो जाएगा।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कुछ व्रतियों ने अपने घरों पर ही अस्थाई पोखरा बना कर जल दिया तो कुछ ने घर की छतों पर भागवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कियाl
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