Saturday, October 18, 2025
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पर्यटकों को दिखेगा महराजगंज का पर्यटन स्थल रामग्राम

डा सतीश पाण्डेय व नीरज कुमार मिश्र रिपोर्ट

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। 02 अक्टूबर 1989 को, महराजगंज जिला गोरखपुर जिले से बनाया गया था। सीमा की स्थितियों के संदर्भ में, उत्तर में नेपाल राष्ट्र, दक्षिण में गोरखपुर जिला, पूर्व में कुशीनगर जिला और बिहार प्रांत के पश्चिम में पश्चिम चंपारण और सिद्धार्थ नगर हैं। 2011 की जनगणना के आधार पर, इस जिले की कुल जनसंख्या 26, 85,292 है। जो पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित हुआ है जिससे जिले के विभिन्न स्थलों का खास महत्व है।
पर्यटन विभाग ने कोलियों के गणराज्य रामग्राम को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सीएंडडीएस से साढ़े सात करोड़ का प्रस्ताव तैयार कराया गया है। जिसे शासन को भेजा गया है।
बौद्ध सर्किट से बहुत जल्द एक और प्राचीन बौद्ध स्थल जुड़ने जा रहा है। पर्यटन विभाग ने बुद्ध की मां महामाया और पत्नी यशोधरा के वंश कोलियों के गणराज्य रामग्राम को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी कर ली है। महराजगंज के चौक बाजार के पास जंगलों में मौजूद रामग्राम तक पर्यटकों को पहुंचाने के लिए विभाग ने कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस से साढ़े सात करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। पर्यटन विभाग के इसके लिए रामग्राम क्षेत्र के धरमौली गांव में कन्हैया बाबा मंदिर के आसपास की एक एकड़ जमीन को जिला प्रशासन की मदद से अधिग्रहीत करने की कार्यवाही शुरू कर दिया है।
प्रस्ताव के मुताबिक कन्हैया बाबा मंदिर के पास पर्यटन विभाग एक गेस्ट हाउस का निर्माण कराएगा, जिससे जंगल में मौजूद रामग्राम का अवलोकन करने वाले पर्यटकों को ठहरने के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े। मंदिर परिसर में मौजूद तालाब के सुंदरीकरण की भी विभाग की योजना है। प्रस्ताव में एक कान्फ्रेंस हाल, पाथ-वे, इंटरलाकिंग, बाउंड्रीवाल, टायलेट ब्लाक, पेयजल इंतजाम भी शामिल है। यहां ठहर कर पर्यटक जंगल बन चुके रामग्राम की प्राकृतिक खूबसूरती और भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद वहां स्थापित प्राचीन स्तूप का दर्शन कर सकेंगे। यह स्तूप बुद्ध से जुड़े उन आठ स्तूपों में शामिल है, जो सर्वाधिक प्राचीन होने की वजह से पुरातात्विक महत्व के भी हैं। रामग्राम क्षेत्र के सात विशाल व मनोहारी सरोवर भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होंगे। इस स्थल को बौद्ध कला के आधार पर विकसित करने की योजना पर्यटन विभाग ने बनाई। इस योजना के पीछे विभाग की योजना इको टूरिज्म को बढ़ावादेने की भी है। योजना के धरातल पर आ जाने के बाद भारत से नेपाल जाने वाले पर्यटकों को ठहराव व अवलोकन के लिए एक और मनोहारी और ऐतिहासिक स्थल पर मिल जाएगा, जिससे धार्मिक आस्था पुष्ट होने के साथ-साथ पर्यटन का लुत्फ भी मिलेगा।
कोलियों के रामग्राम महाभारत काल के बाद जो छोटे-छोटे गणराज्य अस्तित्व में आए, कोलिय गणराज्य भी इनमें से एक था। इनके गणराज्य क्षेत्र को रामग्राम कहा गया, जो वर्तमान में नेपाल के सीमावर्ती महराजगंज जिले में है। भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद उनके पवित्र अवशेष के ऊपर रामग्राम में भी एक स्तूप बनाया गया, जो आज भी मौजूद है। इसका उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाह्यान ने भी अपने यात्रा वृत्तांत में किया है। उन्होंने सम्राट अशोक के रामग्राम के विकास के लिए किए गए प्रयास और उनके द्वारा रामग्राम स्तूप की धातुओं को हटाने का उल्लेख भी किया। भगवान बुद्ध की मां महामाया और पत्नी यशोधरा कोलीय वंश से ही थीं।

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