November 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

मणिपुर की घटना जो भारतीय संस्कृति ‘यत्र नारी पूज्यंते रमंते तत्र देवता,की अवधारणा को मुंह चिढ़ा रहा है-विनोद कुमार सिंह

शर्मशार हुआ लोकतंत्र

बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
भीड़ नारी की उपहास उडाते हुए शहर का भ्रमण कराती हो और प्रतिवाद का एक स्वर भी न फुटा हो, उसे न तो सभ्य समाज और न ही मजबूत लोकतंत्र कहा जा सकता है । जो मणिपुर 70 से भी अधिक दिनों से जातिय हिंसा में जल रहा हो ,जहाँ 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हों ,419 लोग घायल हो चुके हो ,120 से ज्यादा गांव तबाह और 3500 घर बर्बाद हो गये हों,220 चर्च तथा 15 मंदिरे नष्ट हो गये हों और जहाँ मानवता चित्कार मार रही हो, फिर भी वहां का मुख्यमंत्री निश्चिंत हो कर सत्ता का सुख भोग रहा हो और देश के प्रधानमंत्री को मात्र गुस्सा आता हो । उस देश की हिफाजत प्रकृति भरोसे ही हो सकती है । 56 इंच के सीने वाले, रूस और युक्रेन का युद्ध समाप्त कराने की क्षमता रखने और विश्व में अपनी डंका बजाने वाले प्रधान मंत्री को तुरंत मणिपुर का दौरा कर स्थिति को नियंत्रित करनी चाहिए, उक्त बातें खेत मजदूर यूनियन के उत्तर प्रदेश सचिव विनोद कुमार सिंह ने कही।
मै मणिपुर की स्थिति के लिए मणिपुर सरकार तथा केंद्रीय गृहमंत्री को जिम्मेदार मानते हुए, राष्ट्रपति महोदया से जिम्मेदार लोगों को पदमुक्त करने की मांग करता हूँ ।सर्वोच्च न्यायालय से स्वयं संज्ञान लेते हुए मै खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश सचिव विनोद कुमार सिंह मांग करता हूँ कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही कीया जाय।