June 20, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

जालसाजी करके दस लाख रुपए हड़पने के आरोपी को नहीं मिली जमानत

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जालसाजी करके एक महिला से 10 लाख रुपए हड़पने के आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट दिनेश प्रताप सिंह की कोर्ट ने निरस्त कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी अर्जुन चौधरी पर अपने भाई एवं भतीजों के साथ मिलकर छल एवं कूटरचना करके एक महिला ने दस लाख रुपए फिक्स डिपाजिट करने के बहाने हड़प लेने का आरोप लगाया गया है ।
विशेष लोक अभियोजक आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि प्रकरण में पीड़िता हसीबुन्निशा, चुरेब बेलहवा थाना खलीलाबाद ने अभियोग पंजीकृत कराया है । पीड़िता का आरोप है कि उसके चौराहे के नेशनल हाईवे के दक्षिण तरफ अविनाश चौधरी उर्फ सोनू पुत्र ओमप्रकाश चौधरी ग्राम विशुनपुरवा थाना कोतवाली खलीलाबाद स्टेट बैंक का ग्राहक सेवा केन्द्र चलाते हैं । माह अप्रैल के अंत में अविनाश चौधरी उर्फ सोनू एवं अरविन्द चौधरी पुत्रगण ओमप्रकाश चौधरी , ओमप्रकाश चौधरी एवं अर्जुन चौधरी पुत्रगण रामदेव निवासी विशुनपुरवा थाना कोतवाली खलीलाबाद आपस में साजबाज करके बेईमानी से रुपया गबन करने की नीयत से प्रार्थिनी के घर आए और कहे कि मेरा चौराहे पर ग्राहक सेवा केन्द्र है। आप अपने रुपए को एक वर्ष के लिए फिक्स करवा दीजिए। आरोपी अर्जुन एवं ओमप्रकाश चौधरी प्रार्थिनी से दो तीन फार्म पर हस्ताक्षर करवाए तथा चार फोटो ले लिए। दिनांक 1 मई 2021 को अविनाश चौधरी प्रार्थिनी के एचएफडीसी बैंक खाते से अपने खाते में पांच लाख रुपया ट्रांसफर कर लिया। इसी प्रकार दिनांक 21 मई 2021 को अविनाश चौधरी पुनः पांच लाख रुपए अपने खाते में कुल 10 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिया। आरोपियों ने प्रार्थिनी को एसबीआई का दो फिक्स डिपाजिट का कार्ड जिस पर परिपक्वता अवधि तथा धनराशि 10 लाख 90 हजार रुपए अंकित था दे गए। परिपक्वता अवधि पूरा होने पर दिनांक 21 मई 2022 को वादिनी ग्राहक सेवा केन्द्र पर गई तो ताला बन्द था। पता चला कि ग्राहक सेवा बन्द कर दिया गया है। वादिनी स्टेट बैंक पर गई तो प्रबंधक ने बताया कि यह फिक्स डिपाजिट का पेपर फर्जी है।
आरोपी अर्जुन चौधरी के जमानत प्रार्थना पत्र का विशेष लोक अभियोजक आशीष प्रसाद पांडेय ने विरोध किया। जिसे अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट दिनेश प्रताप सिंह की कोर्ट ने अपराध की प्रकृति को देखते हुए आरोपी अर्जुन चौधरी के जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।