सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)।भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण स्तंभ एवं भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान सन्यासी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती नगर के जी. एम.एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बड़े धूम धाम से मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुवात विद्यालय प्रशासन से लेकर समस्त कर्मचारियों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस मौके पर विद्यालय के प्रबंधक डॉ. श्री प्रकाश मिश्र द्वारा विवेकानंद जी की जीवनी पर बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रकाश डाला गया।उन्होंने स्वामी जी के नरेंद्र देव से लेकर विवेकानंद तक के जीवनी को बताते हुवे रामकृष्ण परमहंस के सेवा भाव की बड़ी ही मर्मस्पर्शी व्याख्या की।
प्रधानाचार्या डॉ. संभावना मिश्रा ने स्वामी जी को आदर्शपुरुष बताते हुवे कहा की यदि आज भी उन महापुरुष के पथ पर हम चलें तो हमारा जीवन तो धन्य होगा ही साथ में हम पुनः विश्वगुरु बन जायेंगे।
उपप्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने राष्टीय युवा दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुवे कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी एक अवतारी पुरुष थे। दूसरी शब्दों में कहें तो वह ईश्वर का ही एक अवतार थे जो संपूर्ण विश्व का पथ प्रदर्शित कर गए। उनके हर आचरण ग्राह्य हैं,ब्रह्मचर्य से लेकर अध्यात्म तक पर उनका पूरा वश था। वह अति संयमी,आध्यात्मिक,सनातन हिंदू संस्कृति के महान रक्षक,भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले वह युग पुरुष थे जिन पर पूरे राष्ट्र को गर्व है। उनके जीवन से हमे भी अपनी संस्कृति की रक्षा हेतु सदैव समर्पित रहने, निः स्वार्थ भाव से गुरु निष्ठा, आदि की सीख लेनी चाहिए। उनके आदर्शो पर चल कर भारत आज पुनः विश्व गुरु बन सकता है।
इस मौके पर विद्यालय के नौवी से बारहवीं तक के सभी छात्र छात्राएं, शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।
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