बलिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)।भारत सरकार द्वारा संचालित केंद्र प्रायोजित योजना नवभारत साक्षरता कार्यक्रम (NILP), जिसे ‘उल्लास अभियान’ के नाम से जाना जाता है, के सफल क्रियान्वयन को लेकर शिक्षा क्षेत्र नवानगर में प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को बीआरसी नवानगर परिसर में क्षेत्र के सभी परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
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बैठक की अध्यक्षता करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी नवानगर पंकज कुमार सिंह ने उल्लास अभियान की रूपरेखा, उद्देश्य और कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम वर्ष 2022 से 2027 तक संचालित किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर नागरिकों को साक्षर बनाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को पढ़ना-लिखना, अंक ज्ञान, दैनिक जीवन से जुड़ी आवश्यक दक्षताएं, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए डिजिटल संसाधनों और स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है, जिन्हें ‘अक्षर साथी’ की संज्ञा दी गई है।
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उन्होंने जानकारी दी कि शिक्षा क्षेत्र नवानगर के अंतर्गत संचालित 136 विद्यालयों से एक-एक शिक्षक को नोडल शिक्षक के रूप में नामित किया जाएगा। ये शिक्षक अपने क्षेत्र में निरक्षर व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें उल्लास अभियान से जोड़ने का कार्य करेंगे।
खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापकों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को केवल शासकीय योजना न मानते हुए जनआंदोलन का स्वरूप दें, ताकि “हर व्यक्ति साक्षर” के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि उल्लास अभियान केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों को आत्मनिर्भर, जागरूक और आजीवन सीखने वाला नागरिक बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।
बैठक में मौजूद सभी प्रधानाध्यापकों ने अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और सामूहिक सहभागिता पर बल दिया।
