गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिवार की ओर से सामाजिक दायित्व के तहत गोद लिए गए क्षय रोगियों को पोषण पोटली वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मवर्ष के क्रम में संचालित गतिविधियों के अंतर्गत संपन्न हुआ।
कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति पूनम टंडन के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने सहभागिता की। आयोजन का उद्देश्य सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन के साथ टीबी मुक्त भारत अभियान को सशक्त बनाना रहा।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय परिवार द्वारा सामूहिक रूप से 75 क्षय रोगियों को गोद लिया गया है। इन रोगियों के स्वास्थ्य, पोषण और उपचार संबंधी आवश्यकताओं में निरंतर सहयोग प्रदान करने का संकल्प लिया गया है।
कार्यक्रम जिला महिला चिकित्सालय के निकट स्थित सीएमओ एनेक्सी सभागार में प्रातः 11 बजे आरंभ हुआ। गृह विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने सक्रिय भूमिका निभाई और सेवा कार्य को निरंतर जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।
इस अवसर पर कुलपति पूनम टंडन ने क्षय रोग से जुड़े अद्यतन आंकड़ों की जानकारी दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन समाज व राष्ट्रहित को समर्पित रहा है। उनके 75वें जन्मवर्ष पर यह पहल स्वस्थ और सशक्त समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम की नोडल अधिकारी दिव्या रानी सिंह ने क्षय रोग में पोषण की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि औषधीय उपचार के साथ संतुलित पोषण शीघ्र स्वास्थ्य लाभ का आधार है।
उप जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि उपचार के साथ सामाजिक और भावनात्मक सहयोग रोगियों का मनोबल बढ़ाने में सहायक होता है। यह कार्यक्रम सामाजिक सरोकार, मानवीय संवेदना और जनकल्याण की प्रेरक मिसाल के रूप में सामने आया।
कार्यक्रम में अनुपमा कौशिक, नीता सिंह, गार्गी पाण्डेय, गरिमा यादव तथा शोधार्थी कीर्ति दुबे, अर्चिता चौरसिया, कविता त्रिपाठी, तान्या और रंजना की उल्लेखनीय सहभागिता रही।
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय ने गोद लिए क्षय रोगियों को वितरित की पोषण पोटली
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