लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। आयुष चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में आयुष विभाग अब डिजिटल माध्यम पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में है। इसके लिए आईआईटी कानपुर के सहयोग से एक आधुनिक आयुष मोबाइल एप विकसित किया जा रहा है।
इस एप के माध्यम से मरीजों को ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। साथ ही आयुष विभाग से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां भी एक ही मंच पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे आम नागरिकों को आयुष चिकित्सा सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
आयुष विभाग के अनुसार, एप लॉन्च होने के बाद मरीजों को अस्पतालों और आयुष केंद्रों में पंजीकरण के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी। लोग अपने मोबाइल से घर बैठे ही डॉक्टर से मिलने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और अस्पतालों में भीड़ भी कम होगी। विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं और दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
इस एप के जरिए आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी आयुष चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। विभिन्न बीमारियों के उपचार, दवाओं की जानकारी, नजदीकी आयुष अस्पतालों और डिस्पेंसरियों का विवरण भी एप पर मिलेगा।
भविष्य में एप के माध्यम से टेली-परामर्श, ऑनलाइन रिपोर्ट और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। इससे मरीज घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे। इसके अलावा आयुष से जुड़ी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाएगी।
आयुष सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की तैयारी, मरीजों को मिलेगी ऑनलाइन ओपीडी की सुविधा
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