एनईपी 2020 के अनुरूप मिश्रित शिक्षा से 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिलेगा सीधा लाभ
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रावधानों के अनुरूप उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, लचीलापन और डिजिटल अधिगम को सशक्त बनाने की दिशा में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय वर्ष 2026 से स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर स्वयम (SWAYAM) पोर्टल के माध्यम से पाठ्यक्रम लागू करेगा। इससे विद्यार्थियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से अध्ययन का अवसर मिलेगा।
इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति पूनम टंडन ने कहा कि एनईपी 2020 के तहत मिश्रित शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों को देश के शीर्ष शिक्षकों और प्रतिष्ठित संस्थानों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देती है। स्वयम जैसे राष्ट्रीय डिजिटल मंच के माध्यम से विषयगत ज्ञान के साथ कौशल आधारित और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों का लाभ मिलेगा।
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कुलपति ने बताया कि स्वयम के माध्यम से विद्यार्थी अधिकतम 40 प्रतिशत क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे, जिन्हें विश्वविद्यालय की अकादमिक व्यवस्था में नियमानुसार समाहित किया जाएगा। यह व्यवस्था विश्वविद्यालय परिसर के साथ-साथ 350 से अधिक संबद्ध महाविद्यालयों में भी अनिवार्य रूप से लागू होगी, जिससे विश्वविद्यालय से जुड़े 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा। शीघ्र ही सभी प्राचार्यों को औपचारिक पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विद्यार्थियों को स्वयम पाठ्यक्रमों की परीक्षा में सम्मिलित होने का विकल्प दिया जाएगा तथा आवश्यकता पड़ने पर विश्वविद्यालय स्तर पर भी परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि किसी भी विद्यार्थी को असुविधा न हो।
स्नातक स्तर पर एबिलिटी एन्हांसमेंट कोर्स और स्किल एन्हांसमेंट पाठ्यक्रमों का एक पूल उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें से विद्यार्थी अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार चयन कर सकेंगे। ये पाठ्यक्रम अनिवार्य होंगे और विद्यार्थियों की क्षमता, कौशल तथा रोजगारपरक दक्षता को सुदृढ़ करेंगे।
स्नातकोत्तर स्तर पर भी इस सेमेस्टर से प्रत्येक विभाग द्वारा कम से कम एक स्वयम आधारित पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों का व्यावहारिक और बहुविषयक दृष्टिकोण विकसित हो सके।
इस अवसर पर स्वयम पोर्टल के नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा स्वयम पाठ्यक्रमों के प्रति विद्यार्थियों और शिक्षकों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है। स्वयम के माध्यम से उपलब्ध बहुविषयक, कौशल आधारित और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाई देंगे।
