Sunday, December 21, 2025
HomeUncategorizedचमन–कंधार बॉर्डर पर हिंसक संघर्ष, तालिबानी व पाक अधिकारियों में आरोप–प्रत्यारोप

चमन–कंधार बॉर्डर पर हिंसक संघर्ष, तालिबानी व पाक अधिकारियों में आरोप–प्रत्यारोप

इस्लामाबाद (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शुक्रवार देर रात हुई भारी गोलीबारी ने सीमावर्ती बलूचिस्तान और कंधार प्रांत की border स्थिति को और गंभीर बना दिया है। विशेष रूप से पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा गोलीबारी के बाद, हफ्ते की शुरुआत में असफल शांति वार्ता के बाद पहले से ही व्याप्त तनाव एक बड़े हिंसक मोड़ पर पहुंच गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी की ज़िम्मेदारी ठहराई है, जबकि शुरुआती जानकारी यह है कि इस हमले में कोई भी तुरंत हताहत नहीं हुआ।

ये भी पढ़ें –पश्चिमी विक्षोभ से यूपी में शीतलहर का अलर्ट, तापमान में गिरावट और कोहरे का असर बढ़ेगा

पक्षों के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अफगान सेना ने चमन बॉर्डर पर “बिना किसी उकसावे के फायरिंग” की, वहीं अफगान तालिबान के प्रवक्ता ने इसे “स्पिन बो्ल्दक” इलाके में पाकिस्तान की ओर से शुरू किया गया आक्रमण बताया। पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि बदानी इलाके में अफगान बलों ने मोर्टार दागे, और जवाब में सीमा पार से की गई फायरिंग का प्रत्युत्तर दिया गया। हालांकि, चमन से कंधार तक फैले “चमन-कंधार राजमार्ग” पर गोलीबारी की खबरों की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।

ये भी पढ़ें –देश का सबसे हाई-टेक सदन बनेगा यूपी विधान परिषद, सदन में लगेंगी 110 वीडियो यूनिटें और डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम

स्थानीय अस्पतालों में घायलों को लाए जाने की सूचना मिली है—चमन जिला अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, एक महिला समेत तीन घायलों को तत्काल इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। हालांकि, उस समय कोई मौत की खबर सामने नहीं आई। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा या विदेश मंत्रालय की ओर से इस घटना पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

ये भी पढ़ें –खुशहाल जीवन का रहस्य: मजबूत रिश्ते बनाने के असरदार सूत्र

पिछले महीने संघर्षविराम समझौते के बाद स्थिति कुछ बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन पाकिस्तान सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी थी कि यह समझौता केवल तकनीकी था — और असल शांति तालिबान द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियाँ बंद करने पर निर्भर थी, जो उसके अनुसार पूरी नहीं हुई। पाकिस्तान का दावा है कि अफगान इलाके से मिलिटेंट्स पाकिस्तान में घुसकर हमले करते रहे हैं, जिनमें कथित अफगान नागरिकों द्वारा किए गए आत्मघाती हमले भी शामिल थे। काबुल इन आरोपों से इनकार करता रहा है और कहता है कि वह पाकिस्तान की अंदरूनी सुरक्षा मामलों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।

ये भी पढ़ें –जीवन यात्रा: जहां हर कदम एक नई सीख है

इस गोलीबारी की घटना ने सीमा पार दोनों देशों के बीच स्वीकृत युद्धविराम की नाजुकता को फिर से उजागर कर दिया है। 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से यह सीमा पर सबसे गंभीर हिंसा की झड़प मानी जा रही है। अब देखना होगा कि दोनों देश किस प्रकार कूटनीतिक स्तर पर इस घटना का जवाब देते हैं और सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था को और कैसे मजबूत करते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments