नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। डीएनए रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी ही उस कार को चला रहा था जिसमें यह भीषण विस्फोट हुआ था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर की मां से लिए गए डीएनए नमूनों की तुलना विस्फोट स्थल से मिले अवशेषों से की गई, जिसमें पूरी समानता मिली।
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डॉ. उमर नबी उस “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” का हिस्सा था, जिसका पर्दाफाश हाल ही में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने किया था। यह नेटवर्क प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा हुआ था। जांच में खुलासा हुआ है कि मॉड्यूल के सदस्यों में तीन डॉक्टर भी शामिल थे। पुलिस ने फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की।
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सूत्रों के मुताबिक, उमर 9 नवंबर से लापता था और उसने अपने सभी फोन बंद कर दिए थे। फरीदाबाद में उसकी फोर्ड इकोस्पोर्ट कार जब्त की गई, जिसके दस्तावेजों में दिया गया दिल्ली का पता फर्जी निकला। जांच में सामने आया कि उमर और उसके साथी डॉक्टर मुज़म्मिल गनई ने तुर्की की यात्रा भी की थी, जहां उनके पाकिस्तानी हैंडलरों से संपर्क होने की आशंका है।
दिल्ली पुलिस और एटीएस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह समूह दिवाली पर बड़े हमले की योजना बना रहा था, जो मुंबई 2008 जैसी साजिश को दोहराने की कोशिश थी।
