काबुल (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)दिल्ली में हाल ही में हुए बम धमाके के बाद पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कठघरे में है। भारत में जब भी आतंकी हमला हुआ है, उसमें पाकिस्तान की आतंकी मंडियों और हैंडलरों की भूमिका सामने आई है। दिल्ली धमाके के मामले में भी पकड़े गए आतंकियों – आदिल अहमद और मुजमिल – ने खुलासा किया है कि उनका सीधा संपर्क पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर से था। यह एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा।
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लेकिन इस बार पाकिस्तान को करारा जवाब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने दिया है। अफगान उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने बार-बार व्यापारिक मार्गों को रोका और गैर-राजनीतिक मुद्दों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसके जवाब में अफगान सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार और ट्रांजिट को रोकने का निर्णय लिया है।
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बरादर ने स्पष्ट कहा कि अफगान व्यापारियों को अब पाकिस्तान के बजाय अन्य देशों के मार्गों का उपयोग करना चाहिए ताकि देश की गरिमा और उद्योग की रक्षा की जा सके। वहीं, अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि “जो देश खुद को परमाणु संपन्न कहता है, वह अब प्याज, आलू और टमाटर पर राजनीति कर रहा है।”
यह कदम पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो पहले ही आर्थिक संकट और कूटनीतिक अलगाव का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान का यह फैसला न केवल उसकी स्वाभिमानी नीति को दर्शाता है, बल्कि आतंकवाद के संरक्षक पाकिस्तान के खिलाफ एक ठोस संदेश भी देता है।
