🕉️ पंचांग 13 नवंबर 2025, गुरुवार : मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी का शुभ-अशुभ योग और राहुकाल
हिन्दू पंचांग के अनुसार 13 नवंबर 2025, गुरुवार को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन कई योग और नक्षत्रों के संयोग बन रहे हैं जो पूजा-पाठ, यात्रा, निवेश और शुभ कार्यों के लिए मार्गदर्शक होते हैं। आइए जानें इस दिन का विस्तृत पंचांग, शुभ-अशुभ समय और राहुकाल।
🌅 दिनांक एवं विवरण
दिनांक: 13 नवंबर 2025 (गुरुवार)
माह: मार्गशीर्ष (कृष्ण पक्ष)
तिथि: नवमी तिथि – रात 11:34 बजे तक, उसके बाद दशमी
नक्षत्र: मघा रात्रि 7:38 बजे तक, उसके बाद पूर्व फाल्गुनी
योग: ब्रह्म योग प्रातः 6:57 तक, उसके बाद इन्द्र योग और वैधृति योग
करण: तैतिल 11:11 AM तक, फिर गर और वणिज
चंद्र राशि: सिंह राशि में चंद्रमा का गोचर
सूर्य राशि: तुला राशि
☀️ सूर्य एवं चंद्र समय
सूर्योदय: 6:43 AM
सूर्यास्त: 5:38 PM
चंद्रोदय: 12:35 AM
चंद्रास्त: 1:41 PM
द्रिक ऋतु: हेमंत
अयन: दक्षिणायन
🪔 शुभ समय (मुहूर्त)
अभिजीत मुहूर्त: 11:49 AM – 12:32 PM
अमृत काल: 5:21 PM – 7:01 PM
ब्रह्म मुहूर्त: 5:07 AM – 5:55 AM
चौघड़िया शुभ काल:
शुभ – 6:43 AM से 8:05 AM
लाभ – 12:11 PM से 1:33 PM
अमृत – 1:33 PM से 2:55 PM
⚠️ अशुभ समय (राहुकाल एवं यमगण्ड)
राहुकाल: 1:33 PM – 2:55 PM
यमगण्ड: 6:43 AM – 8:05 AM
कुलिक काल: 9:27 AM – 10:49 AM
दुर्मुहूर्त: 10:21 AM – 11:05 AM और 2:43 PM – 3:27 PM
वर्ज्य: 7:06 AM – 8:46 AM तथा 4:12 AM – 5:55 AM
इन समयों में किसी भी शुभ कार्य या यात्रा की शुरुआत करने से बचना चाहिए।
🌙 विशेष ज्योतिषीय स्थिति
चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा — जिससे आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी।
सूर्य तुला राशि में है — जिससे संतुलन और व्यवहारिक दृष्टिकोण बढ़ेगा।
गण्डमूल नक्षत्र: मघा नक्षत्र (6:35 PM तक)
चंद्रबल राशियाँ: मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुंभ और मीन
🧘♀️ दिन का आध्यात्मिक महत्व
मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी तिथि को ध्यान, जप, साधना और दान-पुण्य के कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना से आर्थिक स्थिरता और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।
साथ ही, हनुमान जी की पूजा करने से ग्रहदोषों और शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
🔮 13 नवंबर 2025 का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। दोपहर का समय राहुकाल से ग्रसित रहेगा, इसलिए नए कार्यों की शुरुआत से परहेज़ करें। प्रातःकाल और सायंकाल का समय पूजा, आराधना और पारिवारिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ रहेगा।
