Monday, October 27, 2025
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“टॉयलेट में मोबाइल? एक आदत जो धीरे-धीरे बिगाड़ रही है आपकी सेहत!”

📱 आज मोबाइल हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह उठते ही सबसे पहले फोन उठाना और रात को सोने से पहले आख़िरी बार स्क्रीन पर नज़र डालना—ये अब लगभग हर व्यक्ति की दिनचर्या बन चुकी है। फोन ने हमें हर तरह से कनेक्ट किया है — ख़रीदारी, बैंकिंग, सोशल मीडिया, मनोरंजन, समाचार, शिक्षा—सब कुछ हमारी उंगलियों पर है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वही मोबाइल, जो आपकी सुविधा का साधन है, आपकी सेहत के लिए खतरा भी बन सकता है?
दरअसल, आज के समय में लोग फोन से इतने जुड़ चुके हैं कि वे टॉयलेट सीट पर बैठने के दौरान भी उसे अपने से दूर नहीं रखते। यह आदत देखने में भले सामान्य लगे, लेकिन हाइजीन और हेल्थ—दोनों के नजरिए से बेहद खतरनाक है।
🚫 टॉयलेट में मोबाइल चलाना क्यों है खतरनाक?
टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल करने से दोहरी समस्या पैदा होती है —
एक तरफ यह बैक्टीरियल संक्रमण को आमंत्रण देता है, और दूसरी ओर बवासीर (Piles) जैसी गंभीर समस्या की संभावना कई गुना बढ़ा देता है।
एक हालिया हेल्थ रिसर्च के मुताबिक, जो लोग टॉयलेट में लंबे समय तक मोबाइल पर स्क्रॉल करते रहते हैं, उनमें पाइल्स विकसित होने का खतरा 46% तक अधिक होता है।
🦠 फोन बन जाता है बैक्टीरिया का घर
टॉयलेट में मौजूद हवा और सतहों पर लाखों बैक्टीरिया होते हैं, जो मल त्याग के दौरान हवा में फैल जाते हैं। जब आप उसी जगह फोन इस्तेमाल करते हैं, तो ये बैक्टीरिया आपके डिवाइस की सतह पर चिपक जाते हैं।
बाद में जब आप फोन को चेहरे या हाथ के पास रखते हैं, तो वही जीवाणु शरीर में प्रवेश कर संक्रमण फैलाते हैं।

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📌 स्टडी के अनुसार, फोन की स्क्रीन पर औसतन टॉयलेट सीट से 18 गुना ज़्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं।
इससे त्वचा संक्रमण, पेट की गड़बड़ी, और यहां तक कि आंखों और कानों के संक्रमण तक का खतरा बढ़ जाता है।
💢 लंबे समय तक बैठना बनता है बवासीर का कारण
बवासीर (Piles) को हिंदी में “अर्श” भी कहा जाता है। यह गुदा और मलाशय की सूजी हुई नसें होती हैं, जो दर्द, जलन और कभी-कभी खून बहने का कारण बनती हैं।
आमतौर पर यह समस्या तब बढ़ती है जब आप टॉयलेट सीट पर ज़रूरत से ज़्यादा समय बिताते हैं।
जब आप मोबाइल चलाते हुए बैठे रहते हैं, तो
पेल्विक एरिया में दबाव बढ़ता है,
गुदा की नसों में ब्लड सर्कुलेशन असंतुलित होता है,
और धीरे-धीरे वहां खून जमने लगता है।
इसका नतीजा होता है — दर्द, सूजन, और खून निकलना — यानी पाइल्स।

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⚠️ पाइल्स के लक्षण पहचानें समय रहते

  1. मल त्यागते समय दर्द या जलन
  2. टॉयलेट पेपर या मल में चमकीला लाल खून दिखाई देना
  3. गुदा के पास सूजन या गांठ महसूस होना
  4. बैठने में तकलीफ़ या खुजली
  5. बार-बार टॉयलेट जाने की ज़रूरत महसूस होना
    यदि ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। देर करने पर यह क्रोनिक पाइल्स में बदल सकता है, जिसका इलाज मुश्किल और दर्दनाक दोनों होता है।
    🥗 पाइल्स से बचाव के आसान उपाय
  6. टॉयलेट में मोबाइल बिल्कुल न ले जाएं।
    मल त्याग को जल्दी और स्वाभाविक रखें।
  7. फाइबर युक्त डाइट लें।
    हरी सब्ज़ियां, फल, साबुत अनाज और दही जैसी चीज़ें कब्ज़ कम करती हैं।
  8. पानी खूब पिएं।
    दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से पाचन बेहतर रहता है।
  9. लंबे समय तक बैठने से बचें।
    ऑफिस या घर में हर एक घंटे में थोड़ा टहलें।
  10. एक्सरसाइज और योग अपनाएं।
    विशेष रूप से मलासन और वज्रासन पेल्विक एरिया के लिए फायदेमंद हैं।
  11. तनाव से दूर रहें।
    स्ट्रेस शरीर के रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है और पाचन को कमजोर करता है।
    🧘‍♀️ ‘डिजिटल डिटॉक्स’ की ज़रूरत
    आज जब हर चीज़ डिजिटल है, तब डिजिटल डिटॉक्स यानी कुछ समय के लिए स्क्रीन से दूरी बनाना बेहद ज़रूरी है।
    टॉयलेट मोबाइल चलाने की जगह नहीं है। यह वह स्थान है जहां शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं—ऐसे में वहां फोन के ज़रिए मानसिक विषाक्तता जोड़ना बुद्धिमानी नहीं।
    हर दिन कुछ घंटे ऐसे रखें जब आप बिना फोन के रहें — न सोशल मीडिया, न कॉल्स, न वीडियो। इससे आपका दिमाग और शरीर दोनों को आराम मिलेगा।
    🩺 विशेषज्ञ क्या कहते हैं
    डॉक्टर्स के अनुसार, टॉयलेट में मोबाइल चलाना शरीर की नेचुरल बॉडी मैकेनिज्म को बाधित करता है।
    फोन पर ध्यान केंद्रित रहने से मल त्याग की प्रक्रिया लंबी होती है, जिससे नसों पर लगातार दबाव पड़ता है।
    इसके अलावा, स्क्रीन की नीली रोशनी मानसिक थकान और तनाव को बढ़ाती है, जिससे शरीर का पाचन तंत्र और कमजोर होता है।
    🌿 निष्कर्ष — “स्मार्टफोन बन सकता है साइलेंट किलर”
    मोबाइल ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, लेकिन इसका गलत उपयोग शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
    टॉयलेट में मोबाइल ले जाना देखने में मामूली लग सकता है, पर यह धीरे-धीरे आपकी सेहत को खोखला कर देता है।
    संक्रमण, पाइल्स, कब्ज़ और मानसिक थकान — सब कुछ इस एक आदत से जुड़ा है।
    👉 इसलिए अगली बार जब टॉयलेट में फोन लेकर जाने का मन करे, तो खुद से एक सवाल जरूर पूछिए —
    “क्या कुछ मिनट की स्क्रॉलिंग मेरी सेहत से ज़्यादा जरूरी है?”
    🩹 स्वस्थ जीवन के लिए याद रखें:
    मोबाइल को हमेशा साफ रखें।
    टॉयलेट में ले जाना बंद करें।
    संतुलित आहार और नियमित योग करें।
    और सबसे ज़रूरी — शरीर की सुनें, स्क्रीन की नहीं।
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