1568 – अकबर ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया
1568 में मुगल सम्राट अकबर ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण कर राजपूत शक्ति का सामना किया। यह घटना राजपूत और मुसलमान साम्राज्यों के बीच सत्ता-संतुलन को दर्शाती है, जहाँ राजपूतों की प्रतिरोधशीलता व मुगलों की विस्तारवादी रणनीति दोनों-का मुँह दिखा। इस आक्रमण ने चित्तौड़गढ़ की रणनीतिक महत्वता को स्थापित किया और मुग़ल शासन के विस्तार में एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
1740 – मारिया थेरेसा ऑस्ट्रिया-हंगरी-बोहेमिया की शासक बनीं
1740 में जब ऑस्ट्रो-हंगेरियन सम्राट चार्ल्स VI का निधन हुआ, तब उनकी बेटी मारिया थेरेसा ने ऑस्ट्रिया, हंगरी एवं बोहेमिया की सत्ता संभाली। इस तरह उन्होंने उस युग में महिला-शासक के रूप में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। उनके शासनकाल ने ऑस्ट्रो-हंगेरियन क्षेत्र में सुधार, युद्ध व राजनयिक चुनौतियों का सामना किया, तथा यूरोपीय राजतंत्रों में लैंगिक व विरासत-संबंधी विवादों को उजागर किया।
1774 – कोलकाता भारत की राजधानी बनी (तत्कालीन कलकत्ता)
1774 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) को भारत कार्यालय की राजधानी घोषित किया। यह बदलाव ब्रिटिश-भारत की प्रशासनिक रणनीति में महत्वपूर्ण मोड़ था। इस निर्णय ने ब्रिटिश शासन का केंद्रपूर्वी भारत में स्थानांतरण किया और कोलकाता को राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से नए दृश्य में ला खड़ा किया।
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1822 – द लॉन्डन संडे टाइम्स का पहला अंक प्रकाशित
1822 को लंदन में ‘द संडे टाइम्स’ का पहला अंक राष्ट्र-मीडिया के इतिहास में एक मील का पत्थर था। यह उस समय का प्रमुख रविवारवाला अखबार बना, जिसने समाचार-प्रकाशन के माध्यम, जनता-सहभागिता एवं प्रेस-स्वाधीनता के आयामों को प्रभावित किया। इस प्रकार इसकी शुरुआत ने ब्रिटिश पत्रकारिता के स्वरूप को नए रूप में आकार दिया।
1880 – एम्सटर्डम मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना
1880 में नीदरलैंड के एम्सटर्डम में इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई — यह शिक्षा-क्षेत्र में सामाजिक एवं शैक्षणिक नवाचार का प्रतीक बना। मुक्त विश्वविद्यालय की अवधारणा ने गुणवत्ता-शिक्षा, शोध-स्वतंत्रता व सामाजिक समावेशन को बढ़ावा दिया। इसके माध्यम से आधुनिक यूरोपीय विश्वविद्यालय-परिसर का विकास सुनिश्चित हुआ।
1904–चिली और बोलिविया ने शांति व मित्रता की संधि पर हस्ताक्षर किया
20 अक्टूबर 1904 को चिली और बोलिविया ने “शांति और मित्रता संधि” पर हस्ताक्षर करके पूर्व-शत्रुता का अंत किया। इस समझौते ने बोलिविया को तटरेखा खोने के बाद भी चिली के साथ स्थायी द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने का मार्ग खोला। यह क्षेत्रीय राजनीति एवं सीमाओं के बहस में एक निर्णायक मोड़ था।
1905 – रूस में 11-दिन तक चले ऐतिहासिक हड़ताल की शुरुआत
1905 में रूस में एक बड़े श्रमिक आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसमें लगभग 11 दिन तक लगातार हड़ताल चली। यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि उसने रूस के सामाजिक-आर्थिक परिवेश में बदलाव की आवाज उठाई और बाद में 1905 की क्रांति की दिशा में प्रेरणा बनी। इस आंदोलन ने श्रमिक वर्ग की सांठ-गांठ और सत्ता-प्रतिक्रियाशील हलचल को उजागर किया।
1946 – वियतनाम ने 20 अक्टूबर को महिला दिवस घोषित किया
20 अक्टूबर 1946 को वियतनामी लोकतांत्रिक गणराज्य ने इस दिन को “महिला दिवस” के रूप में निर्धारित किया। यह निर्णय उस समय के सामाजिक परिवर्तन एवं महिला सशक्तिकरण के अभियान का प्रतीक था। महिलाओं की भूमिका को सार्वजनिक स्वीकृति मिली और सामाजिक-राजनीतिक धरातल पर उनकी भागीदारी को महत्व दिया गया।
1947 – संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान ने पहली बार राजनयिक संबंध स्थापित किए
1947 में पाकिस्तान की स्थापना के बाद उसी वर्ष 20 अक्टूबर को अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ प्रथम बार राजनयिक संबंध स्थापित किए। यह एक वैश्विक राजनीतिक घटना थी क्योंकि यह अमेरिका की दक्षिण एशिया में सक्रिय नीति और पाकिस्तान की नए राष्ट्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय रूप से स्वीकार्यता को दर्शाती है।
1962 – चीन ने भारत पर हमला किया व अरुणाचल प्रदेश के रास्ते भारत के अंदर तक प्रवेश की कोशिश की
20 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन सीमा तनाव ने निर्णायक स्वरूप लिया जब चीनी सेना ने भारत के अरुणाचल प्रदेश मार्ग से आक्रमण किया। यह घटना 1962 के भारत-चीन युद्ध का प्रमुख मोड़ बना और इसने दोनों देशों के बीच सीमा, सुरक्षा व रणनीति-विषयक संदर्भों को एकदम स्पष्ट रूप से सामने लाया।
1963 – दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और आठ अन्य के खिलाफ मामला शुरू
1963 में दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला सहित आठ अन्य प्रतिरोधक नेता के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ। यह “रिवानिया मुकदमा” के नाम से जाना गया। इसने रंग-भेद-विरोधी आंदोलन में वैश्विक ध्यान खींचा और दक्षिण अफ्रीका में न्याय व मानवाधिकार-संघर्ष को नए आयाम दिए।
1970 – सैयद बर्रे ने सोमालिया को समाजवादी राज्य घोषित किया
20 अक्टूबर 1970 को सोमालिया के नेता सैयद बर्रे ने देश को आधिकारिक तौर पर “समाजवादी राज्य” घोषित किया। इस निर्णय ने सोवियत-प्रभावित अफ्रीकी राजनीति, आर्थिक-नीति के अवसर व चुनौतियों के साथ नए द्वरोपरीय संबंधों को जन्म दिया और अफ्रीका में राजनीतिक-आर्थिक मॉडल चर्चा में आए।
1991 – भारत के उत्तरकाशी में 6.8 तीव्रता का भूकंप, 1000+ मौतें
20 अक्टूबर 1991 को उत्तरकाशी (उत्तरी भारत) में 6.8 मग्निट्यूड का भूकंप आया, जिसमें एक हजार से अधिक लोगों की जान गई। यह प्राकृतिक आपदा उस समय की कमजोर ढांचागत स्थिति और आपदा-प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है। इसने भारत में भूकंप-सुरक्षा जागरूकता व आपदा-प्रत्युत्तर तंत्र की आवश्यकता को बढ़ावा दिया।
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1995 – संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष स्वर्ण जयंती अधिवेशन आरंभ
20 अक्टूबर 1995 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 50 वां वर्ष पूरा होते ही एक विशेष स्वर्ण जयंती अधिवेशन आरंभ किया। इस अवसर ने विश्व समुदाय को 50 वर्षों के शांति-संघठन के अनुभवों, चुनौतियों व भविष्य-योजनाओं पर विचार करने का अवसर दिया। यह वैश्विक संवाद व बहुपक्षवाद के महत्व को दर्शाता है।
1998 – मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम पांचवीं बार पुनः निर्वाचित
20 अक्टूबर 1998 को मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम ने पाँचवीं बार राष्ट्रपति पद पर जीत हासिल की। यह लगातार निर्वाचित होने वालों के मामले में अपने-क्षेत्र में उल्लेखनीय था और मालदीव की राजनीतिक स्थिरता, नेतृत्व-शैली व लोकतांत्रिक रूपांतरण की दिशा में संकेत देता है।
2003 – मदर टेरेसा को पोप जॉन पाल II का आशीर्वाद मिला; बोलिविया के राष्ट्रपति सांचेज़ का इस्तीफा स्वीकार, कार्लोस मेसा ने मंत्रिमंडल की घोषणा; सोयुज अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ा
20 अक्टूबर 2003 की यह तारीख कई मोर्चों पर महत्वपूर्ण थी — मदर टेरेसा को रोमन कैथोलिक चर्च की सर्वोच्च सत्ता से आशीर्वाद मिला, बोलिविया में राष्ट्रपति सांचेज़ के इस्तीफे के बाद कार्लोस मेसा ने नए मंत्रिमंडल का गठन किया, तथा सोयुज अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने वाला एक प्रमुख मिशन सम्पन्न हुआ। यह दिन धार्मिक, राजनीतिक व वैज्ञानिक क्षेत्रों में बदलाव-संकेतों से समृद्ध था।
2004 – बांग्लादेश में तीन पूर्व सेनाधिकारियों को मौत की सज़ा; ब्रिटेन का साहित्य सम्मान एलन होलिङ्हर्स्ट को
20 अक्टूबर 2004 को बांग्लादेश में तीन पूर्व सेनाधिकारियों को सजा-ए-मौत सुनाई गई, यह मानवाधिकार व न्याय-प्रक्रिया के मामले में एक महत्वपूर्ण घटना थी। उसी दिन ब्रिटेन में साहित्यिक उत्कृष्टता को सम्मानित करते हुए एलन होलिङ्हर्स्ट को प्रतिष्ठित साहित्य पुरस्कार दिया गया। यह दिन राजनीतिक-न्यायिक व साहित्य-प्रेरित भागीदारी का प्रतीक बना।
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2007 – ईरान में विदेश उपमंत्री सईद जलाली नए परमाणु वार्ताकार बने; अमेरिका ने म्यांमार सैन्य शासकों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा
20 अक्टूबर 2007 को ईरान के अली लारीजानी के त्यागपत्र के बाद सईद जलाली को नए प्रमुख परमाणु वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया गया। उसी दिन अमेरिका ने म्यांमार के सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यह दिन मध्य-पूर्व व एशिया-प्रशांत क्षेत्र में परमाणु-राजनीति व मानवाधिकार-कूटनीति के संदर्भ में निर्णायक था।
2008 – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती की
20 अक्टूबर 2008 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो दर (बैंकों को ऋण देने की दर) में एक प्रतिशत की कटौती की — यह वैश्विक आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि में monetary policy में सक्रियता का संकेत था। इस कदम ने भारत में बैंकिंग-वित्तीय क्षेत्र को राहत दी और अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाने का प्रयास दिखाया।
2011 – मुअम्मर गद्दाफी गृहयुद्ध में मारा गया
2011 में लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को गृहयुद्ध के दौरान मारा गया। यह घटना लीबिया में तानाशाही के अंत व अरब वसंत के प्रभाव के रूप में वैश्विक राजनीति में दर्ज हुई। गद्दाफी का वध उस क्षेत्र में सत्ता-परिवर्तन और लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के लिए प्रतीक बन गया।
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20 अक्टूबर का दिन हमें इतिहास के विविध रंग दिखाता है — युद्ध-संधियाँ, राजनीति-उत्थान, सामाजिक-संघर्ष, आर्थिक-नीति और मीडिया-उपक्रम सब इसमें शामिल हैं। हर घटना ने अपने-अपने काल में प्रभाव छोड़ा है और आज भी हमारे सोच-विचार, राष्ट्र-निर्माण और मानवाधिकार के दृष्टिकोण को प्रभावित करती है।
इतिहास सिर्फ अतीत का पन्ना नहीं है — वह हमें भविष्य की दिशा समझने में मदद करता है।
