Tuesday, October 28, 2025
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“अखिलेश यादव का सवाल: दीपोत्सव की जगमगाहट या सरकारी दिखावा?—क्रिसमस से तुलना कर बोले, ‘सीखो रोशनी का असली अर्थ”

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को एक सभा में दिवाली समारोहों पर सरकारी खर्च को लेकर तीखा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “दुनिया के शहरों में क्रिसमस महीनों तक जगमगाता है, लेकिन भारत में दिवाली पर दीये जलाने को लेकर भी इतना सोच-विचार और खर्च का हिसाब क्यों लगाना पड़ता है?”

अखिलेश यादव ने सरकार के खर्च करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “हम भगवान राम के नाम पर यह सुझाव देना चाहते हैं कि दुनिया के देशों से सीखें कि त्यौहार केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि रोशनी और खुशहाली के प्रतीक होते हैं।”

उन्होंने कहा, “सरकार को जनता का पैसा दिखावे पर नहीं, विकास पर खर्च करना चाहिए। अगर हमें जगमगाहट चाहिए, तो वो दिलों में होनी चाहिए, केवल दीयों में नहीं।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब अयोध्या में दिवाली पर 26 लाख से अधिक दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी चल रही है। प्रशासन के अनुसार, 26,11,101 दीये राम की पैड़ी और 56 घाटों को आलोकित करेंगे, जिससे अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भव्यता का प्रदर्शन होगा।
अधिकारियों ने बताया कि दीयों की गिनती विशेष पैटर्न और तकनीकी व्यवस्था के आधार पर की जा रही है ताकि कोई दीया अनगिनत न रहे।

अखिलेश यादव के इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। जहां उनके समर्थकों ने इसे “जनता के पैसे की आवाज” कहा, वहीं विरोधी दलों ने इसे “आस्था पर राजनीति” करार दिया।

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