नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को सवाल उठाया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को विदेशी विश्वविद्यालयों में क्यों आमंत्रित किया जाता है, जबकि उन्हें किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय में बोलने का अवसर नहीं मिलता। त्रिवेदी की यह टिप्पणी कोलंबिया विश्वविद्यालय में गांधी की हालिया टिप्पणियों के बाद आई, जहाँ उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी विदेशी मंचों पर जाकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और देश की उपलब्धियों को नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “उन्हें कौन आमंत्रित करता है, यह रहस्य है।”
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कांग्रेस में कई विद्वान नेता हैं। लेकिन कोई उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में क्यों नहीं बुलाता, सिर्फ राहुल गांधी को ही क्यों बुलाता है? अगर वह वास्तव में विद्वान हैं, तो देश का कोई भी विश्वविद्यालय उन्हें क्यों आमंत्रित नहीं करता।”
राहुल गांधी ने 2 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हो रहे हमले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सेवाओं में मजबूत क्षमताएं हैं, जिससे देश की प्रगति के लिए आशावादी रहना संभव है। लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमले देश के लिए गंभीर खतरा हैं।
गांधी ने कहा कि भारत में अनेक धर्म, परंपराएँ और भाषाएँ हैं, और यह विविधता ही लोकतंत्र की ताकत है। उन्होंने जोर दिया कि विभिन्न विचारों और संस्कृतियों के बीच संवाद बनाए रखना लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल उद्देश्य है।
इसी बीच, सुधांशु त्रिवेदी ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के प्रयास की भी निंदा की और कहा कि ऐसी परिस्थिति में भी मुख्य न्यायाधीश ने संयम दिखाया, जिसकी सराहना की जानी चाहिए।
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