वन्यजीव संघर्ष पर अंकुश लगाने के लिए मंत्री ने दिए सख्त निर्देश, कहा—संसाधनों की कमी नहीं बनने दी जाएगी बाधा
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, डॉ. अरूण कुमार ने सोमवार को जनपद भ्रमण के दौरान लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन, बहराइच में समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में जनप्रतिनिधियों, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य विकास अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति रही।
बैठक में मंत्री डॉ. अरूण कुमार ने मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए संचालित गतिविधियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जनसुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू आपरेशन में किसी भी प्रकार की संसाधनों की कमी आड़े नहीं आएगी।
मंत्री ने प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) बहराइच को निर्देशित किया कि रेस्क्यू टीमों की संख्या में वृद्धि की जाए तथा पेट्रोलिंग वाहनों की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नागरिकों से निरंतर संवाद बनाए रखें और उनसे प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
डॉ. कुमार ने नदियों के किनारे बसे गांवों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए तथा कहा कि मछुआ समुदाय का सहयोग लेकर वन्यजीवों के मूवमेंट की जानकारी समय रहते प्राप्त की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित गांवों को हिंसक वन्यजीवों की समस्या से मुक्त कराने हेतु पूरी सजगता और तत्परता के साथ कार्य करें।
मंत्री ने जनजागरूकता अभियान पर बल देते हुए कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जाए कि बच्चे व महिलाएं अकेले बाहर न निकलें। बाहर जाने की स्थिति में समूह में जाएं और हाथ में डण्डा रखें। उन्होंने लोगों से अपील की कि शौच आदि के लिए बाहर न जाएं बल्कि घर में बने शौचालयों का उपयोग करें। साथ ही, रात में घर के बाहर न सोने की सलाह भी दी।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह, विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी एवं डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, विधायक महसी सुरेश्वर सिंह, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी, मुख्य वन संरक्षक मध्य क्षेत्र रेणु सिंह, वन संरक्षक देवीपाटन वृत्त सेम्मारन, जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक रामनयन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र तथा प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. राम सिंह यादव सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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