Tuesday, October 14, 2025
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लद्दाख के सोनम वांगचुक की रिहाई की गुहार – पत्नी गीतांजलि पहुँची सुप्रीम कोर्ट

जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक की गिरफ्तारी को बताया अवैध, राष्ट्रपति से भी हस्तक्षेप की अपील


नई दिल्ली/लेह,(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)लद्दाख के प्रख्यात पर्यावरणविद् और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में चिंता गहराती जा रही है। उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अपने पति की तत्काल रिहाई की मांग की।
वांगचुक को 24 सितंबर को लद्दाख में हिंसक झड़पों के बाद हिरासत में लेकर 26 सितंबर से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद किया गया है।
गीतांजलि ने याचिका में कहा कि उनके पति की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने कोर्ट में स्पष्ट किया –
👉 “वांगचुक को पाकिस्तान से संबंध रखने जैसे आरोपों में फंसाया गया है, जबकि उनका पूरा जीवन लद्दाख और भारत की सेवा को समर्पित है।”
राष्ट्रपति से भी की गुहार
याचिका दायर करने से पहले गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात कर अपील की थी कि वे मामले में हस्तक्षेप करें और वांगचुक की रिहाई सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने राष्ट्रपति को दिए तीन पन्नों के पत्र में लिखा कि उनके पति जनहित के मुद्दों पर काम कर रहे हैं और इसी वजह से उन्हें “जासूसी” जैसे गंभीर आरोपों में फंसाया गया है।
गीतांजलि ने कहा –
👉 “मेरे पति किसी भी तरह देश के लिए खतरा नहीं बन सकते। उन्होंने लद्दाख की धरती और वहाँ के लोगों की सेवा में अपना जीवन लगा दिया है।”
लद्दाख में झड़पों के बाद बढ़ा विवाद
24 सितंबर को लेह में राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस झड़प में चार लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। इसी घटना के बाद प्रशासन ने सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया।
सवाल – क्या पर्यावरण के लिए आवाज उठाना गुनाह है?
लद्दाख जैसे नाजुक पारिस्थितिकी वाले क्षेत्र में अनियंत्रित विकास कार्यों के खिलाफ वांगचुक की लड़ाई को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
गीतांजलि अंगमो ने कहा –
👉 “क्या हिमालय और लद्दाख की सुरक्षा के लिए आवाज उठाना अपराध है? उत्तराखंड, हिमाचल और पूर्वोत्तर में हुई त्रासदियाँ इस देश को चेतावनी देती हैं। सरकार को विकास के नाम पर पहाड़ों को बर्बाद नहीं करना चाहिए।”
जनसमर्थन बढ़ता जा रहा
लद्दाख में वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं। कई सामाजिक संगठन और बुद्धिजीवी भी सरकार से बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं।

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