Tuesday, October 14, 2025
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नेपाल में सियासी भूचाल: जेन-जी आंदोलन जांच तेज, पूर्व पीएम ओली समेत 5 बड़े नेताओं के पासपोर्ट जब्त

काठमांडू (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सरकार ने जेन-जी आंदोलन (Gen-Z Protest) की जांच को नया मोड़ देते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चार शीर्ष अफसरों के पासपोर्ट निलंबित कर दिए हैं। इस कार्रवाई के बाद अब ये सभी नेता विदेश तो छोड़िए, राजधानी काठमांडू से बाहर भी बिना विशेष अनुमति के नहीं जा सकेंगे।
21 सितंबर को गठित विशेष जांच आयोग की सिफारिश पर यह कदम उठाया गया है। आयोग आंदोलन के दौरान हुई गोलीबारी और सुरक्षा बलों की ज्यादती की पड़ताल कर रहा है।
🔴 किन नेताओं पर गिरी गाज?
सूत्रों के अनुसार पासपोर्ट निलंबन की कार्रवाई जिन नेताओं व अधिकारियों पर हुई है, उनमें शामिल हैं:
पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली
पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक
तत्कालीन गृह सचिव गोकरणमणि दुवाड़ी
खुफिया विभाग के प्रमुख हुत्राज थापा
काठमांडू के पूर्व मुख्य जिला अधिकारी छबी रिजाल
🔥 क्या है जेन-जी आंदोलन?
8 सितंबर को युवाओं ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ा था।
पहले ही दिन पुलिस फायरिंग में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।
दो दिनों तक चले दमन में यह आंकड़ा 75 तक पहुंच गया।
हिंसा के बाद भारी जनदबाव में तत्कालीन पीएम ओली को इस्तीफा देना पड़ा और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की कमान मिली।
💰 मनी लॉन्ड्रिंग की नई जांच
नेपाल का मनी लॉन्ड्रिंग विभाग भी सक्रिय हो गया है।
जांच एजेंसियों ने ओली, शेर बहादुर देउबा, पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ और ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के ठिकानों से जली हुई करेंसी और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं।
शुरुआती जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और संदिग्ध लेन-देन के सबूत सामने आए हैं।
🗣️ ओली का पलटवार
पद से हटने के बाद ओली ने दावा किया कि आंदोलन में स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल हुआ था, जबकि ऐसी बंदूकें साधारण पुलिस बल के पास नहीं होतीं। उन्होंने स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग रखी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पासपोर्ट जब्ती और यात्रा प्रतिबंध इस बात का संकेत है कि सरकार अब किसी बड़े नेता को बचाने के मूड में नहीं है। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग जांच ने सियासी गलियारों में हलचल और तेज कर दी है।
आगामी दिनों में जांच आयोग की रिपोर्ट और आर्थिक अपराधों की जांच से नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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