Wednesday, October 15, 2025
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हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग और स्थिरता ही समय की सबसे बड़ी मांग: नौसेना प्रमुख

कोलंबो (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region – IOR) इस समय “प्रभावों के संगम” का साक्षी बन रहा है। ऐसे में सामूहिक प्रबंधन, सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता ही समय की सबसे बड़ी मांग हैं।

एडमिरल त्रिपाठी यह बातें श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आयोजित 12वीं ‘गाले डायलॉग इंटरनेशनल मेरीटाइम कॉन्फ्रेंस’ के दौरान व्यक्त कीं। इस अवसर पर उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, साझेदारी और समन्वय को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।

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नौसेना प्रमुख ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, फलते-फूलते व्यापार, विविध तटीय क्षेत्र, जटिल भूगोल और अनेक अवरोध बिंदु मौजूद हैं। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या इस क्षेत्र की रणनीतिक चुनौतियों को और बढ़ा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सभी चुनौतियों के बीच सामूहिक प्रबंधन और क्षेत्रीय स्थिरता ही इस क्षेत्र में सभी देशों के साझा हितों की रक्षा करने का मार्ग है।

एडमिरल त्रिपाठी 22 से 25 सितंबर तक श्रीलंका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नौसेना अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, समुद्री सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर विचार-विमर्श किया।

भारतीय नौसेना की आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में भी इस बात पर जोर दिया गया कि यह क्षेत्र वर्तमान में विभिन्न प्रभावों का संगम स्थल बन रहा है, और इसे शांति तथा स्थिरता के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

एडमिरल त्रिपाठी की यह टिप्पणी क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और सहयोग के महत्व को रेखांकित करती है और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सक्रिय रणनीतिक भूमिका को दर्शाती है।

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