भावनगर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर से भारत की समुद्री ताक़त को नई दिशा देने वाले ‘समुद्र से समृद्धि’ महाअभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
समुद्री अवसंरचना को मज़बूत बनाने के लिए पीएम मोदी ने इंदिरा डॉक, मुंबई में इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल समेत 7,870 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट में नए कंटेनर टर्मिनल और उससे जुड़ी सुविधाओं की आधारशिला भी रखी।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भले ही भावनगर में हो रहा है, लेकिन इसका लाभ पूरे देश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि समुद्र से जुड़ी परियोजनाएं भारत की आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रगति की राह तय करेंगी।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 17 सितंबर को मिले अपार शुभकामनाओं के लिए देशवासियों और दुनिया भर से मिले प्यार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे अपनी सबसे बड़ी संपत्ति और ताक़त बताया। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि विश्वकर्मा जयंती से गांधी जयंती (17 सितंबर–2 अक्टूबर) तक देशभर में चल रहे सेवा पखवाड़े के दौरान लाखों लोगों ने रक्तदान और स्वच्छता अभियानों में भाग लिया है।
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नवरात्रि से पहले बाजारों में बढ़ती रौनक का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उत्सव काल में ‘समुद्र से समृद्धि’ का महोत्सव भारत की नई ऊर्जा का प्रतीक है।
वैश्विक राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत का कोई शत्रु राष्ट्र नहीं है, लेकिन हमारी सबसे बड़ी चुनौती विदेशी निर्भरता है। उन्होंने स्पष्ट किया— “हम 140 करोड़ देशवासियों का भविष्य दूसरों के भरोसे नहीं छोड़ सकते। आत्मनिर्भर भारत ही हमारे स्वाभिमान और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा का रास्ता है।”
इस प्रकार, भावनगर से शुरू हुआ यह महाअभियान न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।