
नई दिल्ली/मुंबई।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को कड़ा निर्देश जारी करते हुए कहा कि राज्य में 31 जनवरी, 2026 तक हर हाल में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि परिसीमन (Delimitation) की प्रक्रिया 10 अक्टूबर, 2025 तक पूरी कर ली जाए, ताकि चुनाव में कोई और देरी न हो।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग के प्रति असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि उसने पहले दिए गए आदेशों का पालन समय पर नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया कि 6 मई को आयोग को चार सप्ताह के भीतर चुनावों की घोषणा करने और अधिकतम चार महीने के भीतर मतदान कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद तत्काल कार्रवाई नहीं हुई।
पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे की मजबूती के लिए स्थानीय निकाय चुनाव समय पर कराना आवश्यक है। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी परिस्थिति में चुनावों में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में लंबे समय से कई नगर निगम, नगर परिषद और ग्राम पंचायतों के चुनाव टलते आ रहे हैं। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति से प्रशासनिक जवाबदेही भी कम हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब राज्य सरकार और चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ गया है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर सारी प्रक्रियाएं पूरी करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी पर लाएं।