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लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। प्रदेश की राजधानी स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। जानकारी के अनुसार एनेस्थीसिया विभाग में डॉ. श्वेता की नियुक्ति कर दी गई, जबकि हैरानी की बात यह है कि वे इंटरव्यू में शामिल ही नहीं हुई थीं।

इस खुलासे के बाद संस्थान की कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह जताया जा रहा है। जिस उम्मीदवार ने इंटरव्यू में हिस्सा नहीं लिया, उसकी नियुक्ति होना पूरे चयन तंत्र की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

सूत्रों का कहना है कि इस मामले से जुड़े कई पहलुओं की जांच की मांग उठ रही है। चिकित्सा जगत और अभ्यर्थियों में गहरा असंतोष है।

फिलहाल, इस प्रकरण ने संस्थान की साख और चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि शासन स्तर पर इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई की जाती है।