लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एक क्लर्क को रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार देते हुए CBI की विशेष अदालत ने शनिवार को पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

मामला वर्ष 2016 का है, जब मृतक कर्मचारी के परिवार को सेवा लाभ दिलाने के एवज में क्लर्क राजेश कुमार ने रिश्वत की मांग की थी। आरोप है कि उसने परिवार से 75 हजार रुपये की मांग की थी। इसी दौरान CBI ने उसे रंगे हाथों 30 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

मामले की जांच पूरी होने के बाद CBI ने आरोप पत्र दाखिल किया। करीब नौ साल की लंबी सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने शनिवार को इस मामले में सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि मृतक कर्मचारी के परिवार से लाभ दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगना बेहद गंभीर अपराध है और ऐसे मामलों में सख्त सजा ही उचित है।

इस फैसले को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।