
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अनुपस्थिति को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना की है। भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारतीय संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं, इसीलिए वे उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण जैसे ऐतिहासिक और आधिकारिक कार्यक्रम से दूर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी पहले भी लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह से अनुपस्थित रहे थे, जबकि उनके पास विदेश में छुट्टियां बिताने का समय था।
भाजपा प्रवक्ता ने गांधी को “लोकतंत्र के लिए खतरा” करार देते हुए उनकी सार्वजनिक जीवन के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए।
वहीं, कांग्रेस ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति का बचाव किया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कार्यक्रम में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि विपक्षी नेता के लिए हर संवैधानिक समारोह में उपस्थित होना कोई अनिवार्यता नहीं है। उन्होंने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि गांधी हमेशा संविधान की रक्षा के लिए संघर्षरत रहते हैं।
गौरतलब है कि अधिकांश विपक्षी नेता 2022 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे। धनखड़, जिन्होंने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था, आज के कार्यक्रम में मौजूद रहे।
इस मुद्दे पर भाजपा सहयोगी शिवसेना ने भी विपक्षी नेताओं की आलोचना की। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष को संवैधानिक अवसरों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।