
आसान होगा समास्याओं का समाधान, तय होगी अधिकारियों की जवाबदेही
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
डीएम ऑफिस में फरियादियों से मिलने का नया सिस्टम लागू किया गया है। अब हर व्यक्ति को डीएम से मिलने से पहले मुलाकाती पर्ची बनवानी होगी। यह पर्ची सिर्फ एंट्री पास नहीं होगी बल्कि इसके जरिए यह भी दर्ज होगा कि कोई फरियादी कब से अपनी पर्ची से पता चलेगा कि कोई व्यक्ति अपनी समस्या लेकर कब से दौड़ रहा है। इस पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। जितनी बार शिकायत लेकर कोई आएगा, उसे उतनी बार पर्ची लेनी होगी। पुरानी पर्चियां भी साथ लानी होगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि वह समस्या के निपटारा के लिए कब से प्रयास कर रहा है। फिर यह पता लगाया जाएगा कि समस्या का समाधान होने लायक है या नहीं। यदि होने लायक है तो संबधित अधिकारी से जवाब-तलब किया जाएगा।
रेलवे बस स्टेशन के पास पर्यटन विभाग के भवन परिसर में डीएम ऑफिस स्थित है। मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद बाईं ओर डीएम का कक्ष है और दाहिनी ओर वह कमरा है जहां मुलाकाती पर्ची बनती है। हर पर्ची पर एक यूनिक नंबर होगा और उस पर फरियादी का नाम-पता दर्ज किया जाएगा। रजिस्टर में पूरी जानकारी लिखकर पर्ची दी जाएगी और उसके बाद ही फरियादी डीएम से मिल सकेगा।
सरकारी योजनाओं का प्रचार भी होगा पर्ची के एक हिस्से पर फरियादी की जानकारी होगी, जबकि दूसरी ओर सरकारी योजनाओं और नए अभियानों का विवरण दर्ज होगा। यानी पर्ची फरियादी के लिए समस्या निस्तारण का साधन होने के साथ-साथ योजनाओं की जानकारी देने का माध्यम भी बनेगी।
मुलाकाती पर्ची लेकर ही डी एम के पास जाना होगा। अगर कोई फरियादी वहां यह कहता है कि लंबे समय से दौड़ रहा है तो उससे पुरानी पर्चियां दिखाने को कहा जाएगा। उस पर्ची के नंबर के सहारे उसकी शिकायत के निपटारा की स्थिति जांची जाएगी।
हर दिन आने वाले आवेदनों को आईजीआरएस पर ऑनलाइन कर दिया जाता है। उसी के सहारे निगरानी होती है। पर्ची के नंबर से उस शिकायत को ऑनलाइन ढूंढ लिया जाएगा। उसके बाद यदि वह समस्या हल होने लायक होगी और लंबे समय तक हल नहीं हुई होगी तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। फरियादी की समस्या का समाधान कराया जाएगा। यदि समस्या उस स्तर से निस्तारित होने लायक नहीं होगी तो आगे का रास्ता बताया जाएगा।
डीएम दीपक मीणा ने बताया-आईजीआरएस पर हर दिन आने वाले आवेदनों को ऑनलाइन दर्ज किया जाता है। अब पर्ची का नंबर डालकर संबंधित शिकायत की स्थिति आसानी से जांची जा सकेगी। जिन लोगों के पास मोबाइल पर मैसेज देखने की सुविधा नहीं है, उनके लिए यह हार्ड कॉपी काम करेगी।
उन्होंने कहा-यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि पता चल सके कि कोई मामला समाधान योग्य है या नहीं। अगर समाधान योग्य है और फिर भी नहीं हुआ है, तो इसे गंभीर माना जाएगा और जिम्मेदारी तय होगी। वहीं अगर समस्या उस स्तर पर निस्तारित होने योग्य नहीं है तो फरियादी को आगे का रास्ता बताया जाएगा।