गाजीपुर (राष्ट्र की परम्परा) पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच हुए टकराव का मामला अब और गरमाता जा रहा है। नोनहरा थाना क्षेत्र में हुए लाठीचार्ज प्रकरण में घायल भाजपा कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय की मौत के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक इरज राजा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कसा है। इनमें थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं, जबकि 6 अन्य को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

कैसे भड़का विवाद?
मामले की शुरुआत गठिया गांव के ओंकार राय और अरविंद राय के बीच बिजली के खंभे को लेकर विवाद से हुई थी। आरोप है कि ओंकार राय अपने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए अरविंद राय के खेत से बिजली पोल ले जाना चाहते थे, जिसका अरविंद राय ने विरोध किया। विवाद गहराया तो भाजपा नेता राजेश राय बागी और विपुल मिश्रा समेत करीब 20 समर्थक नोनहरा थाने पहुंच गए।

थाने पर बात न बनने पर भाजपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। आरोप है कि देर रात पुलिस ने अचानक बिजली काटकर लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हुए, जिनमें भाजपा कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय भी थे। बाद में उनकी मौत हो गई, जिससे इलाके का माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

इलाके में तनाव, बीजेपी का विरोध तेज
सीताराम उपाध्याय की मौत से भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई को बर्बर बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

इधर, बीजेपी की पूर्व विधायक अलका राय के बेटे व पार्टी नेता पीयूष राय ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर मामले की पूरी जानकारी अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर साझा की है।

गाजीपुर में यह घटना राजनीतिक माहौल को और गरमा सकती है। अब सबकी निगाहें सरकार और प्रशासन की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।