
रायबरेली/लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा शुरू किया। यह 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद उनका पहला औपचारिक दौरा है। इससे पहले 29 अप्रैल को विजय जुलूस के बाद उन्होंने रायबरेली का दौरा किया था।
राहुल गांधी बुधवार दोपहर लखनऊ पहुँचे, जहाँ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। लखनऊ से वे सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हुए।
कार्यक्रम का विवरण डिडौली स्थित बटोही रिसॉर्ट : हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों से मुलाकात और संवाद।प्रजापति महासभा का समारोह : लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग पर प्रगतिपुरम कॉलोनी के पास शामिल होंगे। गोरा बाजार : सम्राट अशोक स्तंभ का उद्घाटन करेंगे। राही ब्लॉक के मुलिहामऊ गाँव : अमर शहीद वीरा पासी वन ग्राम में पौधारोपण अभियान में शामिल होंगे। शाम को बटोही रिसॉर्ट : ऊँचाहार विधानसभा क्षेत्र के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे।
कार्यकर्ताओं में उत्साह, भाजपा का विरोध राहुल गांधी के इस दौरे को राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं, उनके काफिले को रायबरेली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने रोकने का प्रयास किया। भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर धरने पर बैठ गए और “राहुल गांधी वापस जाओ” के नारे लगाए।
भाजपा का आरोप है कि महागठबंधन के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की गई। यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी से इस पर माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पीएम मोदी की मां के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए और संबंधित कार्यकर्ताओं को निष्कासित करना चाहिए।
राहुल गांधी का यह दौरा न सिर्फ संगठन को मजबूती देने बल्कि जनता से सीधे संवाद स्थापित करने की दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।