
सिकन्दरपुर /बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
ईद-ए-मिलादुन्नबी का पर्व कस्बा एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में एक समुदाय ने पूरे उत्साह और अक़ीदत के साथ मनाया। सुबह घरों में फातेहा कराई गई और शाम को मकानों व मस्जिदों पर चिरागां कर खुशियां जताई गईं। हर वर्ष की भांति इस बार भी नगर में पुलिस की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदब और एहतराम के साथ जुलूस निकाला गया। सुबह 11:30 बजे शुरू हुआ यह जुलूस परंपरागत मार्गों से गुजरता हुआ मोहल्ला मुड़ियापुर स्थित दाता साहब हजरत हाशिम शाह चहार जर्ब के मज़ार के प्रांगण तक पहुंचा, जहां जलसे का आयोजन किया गया।जुलूस के दौरान जगह-जगह रुककर इस्लामी नारे बुलंद किए गए। मज़ार के प्रांगण में आयोजित जलसे में मुख्य वक्ता प्रोफेसर सैय्यद सिराजुद्दीन अजमली ने हजरत मोहम्मद साहब की सीरत, मजहबे इस्लाम की खूबियों और उनकी हिदायतों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने लोगों को नबी के उसूलों पर चलने की नसीहत दी। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिस आजाद अंसारी, विधायक मोहम्मद ज़ियाउद्दीन रिजवी, शेख अहमद अली, सुरेश सिंह, शेख फ़ैज, जावेद इक़बाल अंसारी, डॉ. नदीम अहमद खान, भीष्म यादव, गणेश प्रसाद सोनी, दिनेश चौधरी, नजरूलबारी, डॉ. उमेश चन्द, राकेश सिंह, राकेश यादव, जितेश कुमार वर्मा, खुर्शीद नेता, फैजी अंसारी, शेख अलीमुद्दीन (मैनेजर दारुल उलूम), इमाम अख्तर सहित हजारों लोग मौजूद रहे