
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार सुबह गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने प्रवास के दौरान जनता दर्शन का आयोजन किया। इस अवसर पर करीब 200–250 फरियादी—अधिकांशतः परिवारजन—अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने एक-एक शिकायत को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को त्वरित, पारदर्शी तथा गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जनता दर्शन में सर्वाधिक शिकायतें भूमि विवाद और अवैध कब्जों से जुड़ी रहीं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि गरीबों की जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सरकार की ‘शून्य सहनशीलता’ नीति पर किसी भी स्तर पर समझौता न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गरीब और वंचित वर्ग को न्याय दिलाने में कोई लापरवाही न बरती जाए।
चिकित्सा संबंधी समस्याओं पर मुख्यमंत्री ने गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके इलाज का पूरा खर्च उठाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मरीजों के इलाज का इस्टीमेट शीघ्र तैयार कर शासन को भेजा जाए, ताकि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उन्हें तुरंत आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जा सके।
सीएम योगी ने अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि केवल निस्तारण ही नहीं, बल्कि उसमें संवेदनशीलता भी झलकनी चाहिए। किसी भी पीड़ित के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास यही है कि हर व्यक्ति को न्याय का रास्ता बाधा-रहित मिले।
गोरखनाथ मंदिर में आयोजित यह जनता दर्शन न केवल संवाद का मंच बना, बल्कि फरियादियों के लिए त्वरित समाधान का अवसर भी साबित हुआ। भूमि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं पर मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से लोगों का प्रशासन पर विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन जनसुनवाईयों में उठाए गए मुद्दों की प्रगति और कार्रवाई की रिपोर्ट नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट की जाए तो इससे पारदर्शिता और जवाबदेही और भी बढ़ेगी।