
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)l राज्य पिछड़ा आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा की शिकायत पर कुशीनगर स्थित मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम धनौजी खुर्द, फाजिलनगर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में पाया गया कि मदरसे के प्रबंधक ने कूटरचित दस्तावेज़ों के सहारे न केवल सरकारी धन का वर्षों से दोहन किया, बल्कि ग्रामसभा की बंजर ज़मीन पर कब्ज़ा कर भवन निर्माण भी कराया।जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) द्वारा की गई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए।मदरसा वर्ष 1996 से अनुदान पर संचालित हो रहा है, जबकि इसकी अपनी कोई जमीन नहीं है।राजस्व अभिलेखों से छेड़छाड़ कर मदरसे के कब्जे को वैध ठहराने का प्रयास किया गया।पत्रावली में बारकोडेड आदेश पत्रक प्रस्तुत किया गया, जिसकी जांच में स्पष्ट हुआ कि वह किसी अन्य वाद से संबंधित था।आदेश पत्रकों पर फर्जी फर्दकाम और न्यायालयीय हस्ताक्षर तक अंकित पाए गए। डिजिटल लॉग से यह भी खुलासा हुआ कि पीठासीन अधिकारी के स्थानांतरण के बाद बैकडेट में आदेश अपलोड किए गए।जांच में तहसीलदार कसया की वर्ष 2021 की आख्या में भी कूटरचना पाई गई। इसमें अलग हस्तलेख से लाभार्थी के पक्ष में टिप्पणी जोड़ी गई थी।जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
तत्कालीन पेशकार को निलंबित कर दिया गया। मदरसा प्रबंधक सेराज अहमद तथा संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई।उप जिलाधिकारी कसया को आदेशित किया गया कि प्रकरण को दुरुस्त कर अवैध लाभ को रोका जाए।यह पूरा मामला बताता है कि कैसे मिलीभगत और कूटरचना के जरिए वर्षों से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा था। अब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।