
पटना /आरा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद अब बस होने ही वाला है और प्रदेश की सियासत पूरी तरह गर्मा चुकी है। तमाम राजनीतिक दल चुनावी रणनीति को धार देने में जुट गए हैं। ऐसे माहौल में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एक बार फिर सक्रिय भूमिका में नजर आने लगे हैं। शनिवार सुबह उनका अंदाज़ बिल्कुल चुनावी था, जब वह पटना से अपनी वैनिटी वैन में सवार होकर आरा रवाना हुए।आरा पहुंचने पर लालू यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनीं, संगठन की मजबूती पर चर्चा की और आगामी चुनावी रणक्षेत्र के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने यह संदेश दिया कि चुनावी जीत केवल मेहनत और जनता से सीधे जुड़ाव से ही संभव है।
इस दौरे के दौरान लालू यादव पूर्व विधायक अरुण यादव से भी मिले। आरा और आसपास के इलाकों में अरुण यादव को राजद का मजबूत स्तंभ माना जाता है। दोनों नेताओं की यह मुलाकात औपचारिक से अधिक रणनीतिक मानी जा रही है। राजनीतिक हलकों में इसे स्थानीय समीकरण साधने और संगठन को और मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य कारणों के चलते लालू यादव चुनावी गतिविधियों में सीमित भूमिका निभाते रहे। लेकिन इस बार उनकी सक्रियता ने कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भर दिया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि उनकी मौजूदगी संगठन को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में अहम साबित होगी।राजद इस बार पिछली बार की तुलना में बिल्कुल नई रणनीति पर काम कर रहा है। पार्टी का फोकस केवल पारंपरिक वोट बैंक तक सीमित न रहकर युवाओं और नए मतदाताओं तक पहुंचने पर भी है। लालू यादव का चुनावी मैदान में उतरना इस बात का संकेत है कि राजद प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव की यह यात्रा सिर्फ आरा दौरे तक सीमित नहीं रहेगी। आने वाले दिनों में वह बिहार के अन्य जिलों का भी दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कैंपेन राजद के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, क्योंकि लालू यादव की जनाधार पर पकड़ और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है।लालू यादव की सक्रियता का बड़ा राजनीतिक संदेश यही है कि राजद अब पूरी ताकत के साथ चुनावी अखाड़े में उतर चुका है।