बीआईटी मेसरा छात्र हत्या मामला - राष्ट्र की परम्परा
August 18, 2025

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बीआईटी मेसरा छात्र हत्या मामला

झारखंड हाईकोर्ट ने संस्थान पर ₹20 लाख का जुर्माना, शिक्षा संस्थानों के लिए नए दिशानिर्देश जारी

रांची (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) झारखंड उच्च न्यायालय ने मेसरा स्थित बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी) परिसर में पिछले वर्ष एक छात्र की हत्या के मामले में संस्थान पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया है। यह राशि मृतक छात्र के माता-पिता को दी जाएगी। अदालत ने इस मामले को “संस्थागत सुरक्षा में गंभीर विफलता” करार देते हुए कहा कि छात्र की जान बचाने में संस्थान असफल रहा।

न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की एकल पीठ ने 12 अगस्त को सुनाए आदेश में राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों और विद्यालयों के लिए आपात चिकित्सा व्यवस्था व छात्र सुरक्षा को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए।

अदालत के प्रमुख निर्देश

  1. आपात चिकित्सा सूची – प्रत्येक स्कूल व कॉलेज को एम्बुलेंस सुविधा वाले सरकारी व निजी अस्पतालों की सूची तैयार कर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करनी होगी।
  2. डिस्पेंसरी/क्लिनिक की व्यवस्था – हर संस्थान में 500–1000 विद्यार्थियों पर एक पुरुष और एक महिला चिकित्सक अनिवार्य होंगे। इनके पास जीवन रक्षक दवाइयां और सामान्य औषधियां उपलब्ध रहनी चाहिए।
  3. सूचना पट्ट – कक्षाओं व संस्थान के प्रमुख स्थानों पर अस्पतालों और चिकित्सकों के नाम व संपर्क नंबर प्रदर्शित किए जाएं।
  4. सीसीटीवी निगरानी – कक्षाओं और छात्रावास के प्रवेश द्वारों के अंदर-बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  5. शिकायत प्रकोष्ठ व छात्र निगरानी दल – विद्यार्थियों और प्रबंधन के बीच संपर्क बनाए रखने के लिए अलग शिकायत प्रकोष्ठ और छात्र निगरानी दल का गठन किया जाए।
  6. ऑनलाइन शिकायत पोर्टल – अभिभावकों और विद्यार्थियों की शिकायत निवारण के लिए संस्थान की ओर से एक पोर्टल या वेबसाइट बनाई जाए।

अपराधियों की याचिकाएं खारिज

अदालत ने इस मामले में दोषियों मौसम कुमार सिंह, अभिषेक कुमार, साहिल अंसारी और इरफान अंसारी की याचिकाएं भी खारिज कर दीं।

न्यायालय ने टिप्पणी की कि छात्रों की सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था को लेकर लापरवाही अस्वीकार्य है और सभी शिक्षा संस्थानों को इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।