August 8, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

केंद्र सरकार के पांच बड़े फैसले: गरीबों, शिक्षा, पूर्वोत्तर और इंफ्रास्ट्रक्चर को मिली प्राथमिकता

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पांच अहम नीतिगत फैसले लिए हैं, जिनका उद्देश्य आम जनता को राहत देना, तकनीकी शिक्षा को मजबूती देना, पूर्वोत्तर राज्यों का विकास और बुनियादी ढांचे को सशक्त करना है। इन योजनाओं में कुल हजारों करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों में समावेशी विकास को गति मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गरीब और पात्र परिवारों को ₹12,000 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन, पहला रिफिल और चूल्हा भी प्रदान किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि स्वच्छ ईंधन हर घर तक पहुंचे और खासतौर पर महिलाओं को पारंपरिक चूल्हे के धुएं से राहत मिले।

तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को ₹30,000 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस फैसले का उद्देश्य घरेलू एलपीजी की कीमतों में स्थिरता बनाए रखना है, ताकि आम आदमी को महंगाई का बोझ न झेलना पड़े। साथ ही, तेल कंपनियों को हो रहे घाटे की भरपाई भी की जाएगी जिससे ईंधन आपूर्ति व्यवस्था सुचारू बनी रहे।

तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार हेतु केंद्र सरकार ने MERITE योजना शुरू की है, जिसके लिए ₹4,200 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना से देशभर के 175 इंजीनियरिंग कॉलेज और 100 पॉलिटेक्निक संस्थानों को लाभ मिलेगा। योजना के माध्यम से बहु-विषयक शिक्षा और तकनीकी शोध को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली को नया आयाम मिल सके।

पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए असम और त्रिपुरा को विशेष पैकेज के रूप में ₹7,250 करोड़ की घोषणा की गई है। इसमें से ₹4,250 करोड़ केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि ₹3,000 करोड़ राज्य सरकारों द्वारा दिए जाएंगे। यह कदम उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में शांति, रोजगार और मुख्यधारा में लाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

तमिलनाडु में मरक्कनम से पुदुचेरी के बीच 46 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर ₹2,157 करोड़ खर्च होंगे। सड़क निर्माण से क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है। यह परियोजना बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।