
नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की तीखी आलोचना की, जब महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारियों ने राहुल गांधी से उनके ‘वोट चोरी’ के दावे पर हलफनामे पर हस्ताक्षर करने को कहा। संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में प्रियंका ने हलफनामा मांगने के समय और प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियम के अनुसार चुनाव परिणामों के संबंध में याचिका 30 दिनों के भीतर दायर की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “याचिका को ठीक से समझिए। अगर 30 दिनों के भीतर हलफनामा जमा नहीं हुआ तो उसका कोई असर नहीं होगा। तो फिर अब हलफनामा क्यों मांगा जा रहा है? इतना बड़ा खुलासा हुआ है, अगर यह अनजाने में भी हुआ हो, तो इसकी जांच होनी चाहिए। आप मतदाता सूची क्यों नहीं दे रहे? आप जांच क्यों नहीं कर रहे? बल्कि हलफनामा मांग रहे हैं। संसद में हमने जो शपथ ली है, उससे बड़ी शपथ और क्या हो सकती है?”
प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत सभी आंकड़े सार्वजनिक हैं और पार्टी खुले तौर पर दावा कर रही है कि 40,000 फर्जी वोट हैं। उन्होंने कहा, “अगर किसी विधानसभा सीट पर एक लाख फर्जी वोट जोड़ दिए जाएं, तो नतीजे को आसानी से प्रभावित किया जा सकता है। भाजपा और चुनाव आयोग को इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए। केंद्र सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए।”
भाजपा और चुनाव आयोग पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “इंडिया ब्लॉक के नेता आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसमें गड़बड़ है। भाजपा नेता जिस तरह से जवाब दे रहे हैं, उससे भी यह साफ है। अगर आप किसी शिक्षक के पास जाकर नकल का आरोप लगाएं, तो क्या शिक्षक आपको थप्पड़ मारेंगे, या नकल की जांच करेंगे? यहां वे राहुल गांधी को गालियां दे रहे हैं और उनसे हलफनामा मांग रहे हैं। अगर सरकार इसमें शामिल नहीं है, तो निष्पक्ष जांच क्यों नहीं हो रही?”
प्रियंका के इस बयान ने चुनाव आयोग और भाजपा पर विपक्ष के हमले को और तेज कर दिया है, जबकि ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है।
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