
वाराणसी (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
देशभर में मॉनसून की दस्तक ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
संगम नगरी प्रयागराज के कई प्रमुख इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। वाराणसी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है, लेकिन नदियों का रौद्र रूप लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है।
फतेहपुर जिले में यमुना नदी के उफान से हालात गंभीर हैं। बाढ़ के कारण कानपुर–बांदा मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। किशुनपुर–दांदो यमुना पुल का संपर्क मार्ग टूट जाने से इस रास्ते से भी आवाजाही बंद हो चुकी है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक 200 से अधिक गांव पानी में डूब चुके हैं और हजारों एकड़ खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं। तेज बहाव में बहकर कई लोगों की जान भी जा चुकी है, जबकि सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश और नदियों के जलस्तर में और वृद्धि की संभावना जताई है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक बाहर न निकलने की अपील की है।
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